संवाददाता, कोलकाता
कलकत्ता हाइकोर्ट की खंडपीठ ने सोमवार को 20 दिसंबर के आदेश को बरकरार रखा, जिसमें चिकित्सकों के एक संगठन को क्रिसमस के मौके पर यहां प्रदर्शन करने की अनुमति दी गयी थी. चिकित्सकों का संगठन आरजी कर अस्पताल में अगस्त में कथित रूप से बलात्कार और हत्या की शिकार महिला चिकित्सक के परिजनों के लिए शीघ्र न्याय की मांग को लेकर यहां प्रदर्शन करने की इजाजत मांग रहे थे. सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा कि आरजी कर की घटना अभूतपूर्व, अकल्पनीय और भयावह थी. गौरतलब है कि राज्य सरकार ने न्यायमूर्ति तीर्थंकर घोष की एकल पीठ के आदेश को चुनौती देते हुए खंडपीठ का दरवाजा खटखटाया था, जिसने ज्वाइंट फोरम ऑफ डॉक्टर्स को 20 से 26 दिसंबर तक मध्य कोलकाता के एस्प्लेनेड में डोरिना क्रॉसिंग से 50 फीट दूर धरना देने की अनुमति दी थी. राज्य सरकार के वकील ने दलील दी कि क्रिसमस के आसपास इस तरह के प्रदर्शनों से व्यस्त इलाके में यातायात प्रभावित हो जायेगी और त्योहार के मौसम में लोगों को असुविधा होगी. न्यायमूर्ति हरीश टंडन और न्यायमूर्ति हिरणमय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने बचाव पक्ष के वकील द्वारा यह आश्वासन दिये जाने के बाद कि प्रदर्शनकारियों की संख्या 100 की निर्धारित सीमा के भीतर होगी, फोरम को उसी स्थान पर अपना आंदोलन जारी रखने की अनुमति दे दी.फोरम के वकील ने यह भी कहा कि प्रदर्शनकारी धरना-प्रदर्शन के लिए निर्धारित अवरोधक वाले क्षेत्र से आगे नहीं बढ़ेंगे, जैसा कि राज्य पुलिस और प्रशासन के साथ चर्चा की गयी थी.
बारासात में विरोध सभा के लिए अभया मंच को अनुमति :
आरजी कर कांड को लेकर आंदोलन पर उतरे अभया मंच की ओर से उत्तर 24 परगना के बारासात में विरोध सभा की अनुमति के बीच राज्य सरकार की आ रही अटकलों को हाइकोर्ट ने खारिज कर दिया. सोमवार को जस्टिस तीर्थंकर घोष ने राज्य को चेतावनी दी. जज ने कहा कि आप लोकतंत्र के खिलाफ जा रहे हैं. कोर्ट ने राज्य की आपत्ति को खारिज कर दिया और मंगलवार को बारासात में अभया मंच के विरोध सभा को अनुमति दे दी. न्यायाधीश ने कहा कि विरोध सभा अपराह्न 2.30 बजे से शाम पांच बजे के बीच पूरी करनी होगी. इसमें अधिकतम डेढ़ हजार लोग ही शामिल हो सकेंगे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है