प्रतिनिधि, खूंटी आर्ट ऑफ लिविंग परिवार की ओर से श्रीमद् भागवत महापुराण कथा में मंगलवार को स्वामी दिव्यानंद गिरि ने कहा कि भगवान ने भागवत में माखन चोरी की लीला से गोपियों के चित चुराने की लीला की. हमारा चित हमेशा संसार की आशक्ति और माया में डूबा रहता है. जैसे हवा किसी दुर्गंध को एक से दूसरे जगह ले जाती है. वैसे ही मृत्यु के पश्चात भी चित रूपी मन आशक्तियों को या विषय रूपी रस की अनुभूति को एक शरीर से दूसरे शरीर ले जाती है. इससे मुक्त होने के लिए सरलतम उपाय है कि हमारा चित ईश्वर की भक्ति रस से भरा हो. माखन चोरी की लीला में श्रीकृष्ण ने गोपियों की भक्ति बढ़ाई. उससे उनको आत्म ज्ञान प्राप्त हुआ तो महारास में प्रवेश मिला. इस अवसर पर मुख्य यजमान मनोरमा भगत, आशुतोष भगत, पुष्पा तिवारी, सिंधु भगत, कैलाश भगत, अनीता लाल, जददू लाल, संगीता राय, नंद राय, प्रमिला भगत, राजेंद्र भगत, शकुंतला जायसवाल, महेंद्र जायसवाल, सिंपल मलिक नें भागवत पूजन और व्यास गद्दी पूजन किया. इस अवसर पर प्रसंग में कृष्ण रुक्मिणी विवाह की झांकी निकाली गयी. वहीं महारास का आयोजन हुआ.
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