सुखद. प्रशासन के जागरुकता अभियान के कारण मौत के मामले 20 प्रतिशत घटेआनंद जायसवाल, दुमका
जिले में औसतन हर माह 17-18 लोग अपनी जान सड़क हादसों में गंवा देते हैं. जिले का यह आंकड़ा संताल परगना के शेष पांच जिलों में से सबसे अधिक रहता है. यानी कि जिले में अन्य जिलों के अपेक्षाकृत अधिक हादसे होते हैं और जानें भी अधिक जाती है. अब तक 2024 में दुमका जिले में 206 लोगों की जानें गयी है, यह आंकड़ा 2023 की तुलना में लगभग बीस फीसदी कम है. 2023 में दुमका में 400 से अधिक सड़क हादसे थे, जिनमें इतने ही लोग घायल हुए थे, जबकि 261 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी, उस साल सड़क हादसों में जान गंवाने वालों की संख्या में लगभग 30 प्रतिशत का इजाफा हो गया था. 2022 में हादसों में जान गंवाने वाले की संख्या 201 ही थी. इस साल यानी 2024 के प्रारंभिक दिनों से ही जिले की पुलिस ने कई तरह के जागरुकता अभियान चलाया. खुद एसपी पीतांबर सिंह खेरवार ने तमाम कालेजों, हाई स्कूलों में किशोरों, युवाओं, छात्रों से संपर्क साधा. उनको सड़क हादसों से बचने के लिए जागरूक किया. छोटे-छोटे बच्चे के बीच पहुंचकर अपने पैरेंटस को बिना हेलमेट बाइक स न जाने देने की अपील की. थानों में भी अभियान चलाये गये. हर महीने हजार से अधिक वाहनों की जांच हो रही़. यह जागरुकता भी काफी काम आयी. इसके अलावा एक और बात रही, जिसने मौत के आंकड़ों को बहुत बढ़ने न दिया, वह था, दुमका के फूलो झानो मेडिकल कालेज में स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार. नये चिकित्सकों ने ऐसे मामलों में कई गंभीर मरीजों की जान बचाने का भी काम किया. एंबुलेंस की संख्या में भी इजाफा होने से ऐसे हादसों में मरीज को जल्द अस्पताल तक पहुंचाना भी हादसों में जान बचाने में सहायक रही. हालांकि 20 फीसदी कमी आने के बाद भी अब भी हादसे में मौत के जो आंकड़े हैं, वह सकते में डालनेवाले हैं.केस स्टडी-एक
हाइवा की चपेट में आकर दंपती की मौतसाहिबगंज-गोविंदपुर हाइवे पर 2 नवंबर को दुमका के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के कुकुरतोपा गांव में कार की ट्रक से टक्कर हो गयी. टक्कर इतनी जोरदार थी कि कार सड़क से दूर जा गिरी और बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गयी. स्टोन चिप्स से लदा हाइवा पाकुड़ से दुमका की ओर आ रहा था, जबकि कार दुमका से पाकुड़ जा रही थी. घटनास्थल पर ही कार सवार दंपती की मौत हो गयी, जबकि उसमें सवार उनकी बेटी गंभीर रूप से घायल हो गयी थी. मृतक दंपती पाकुड़ जिला के गोसाईपुर गांव के रहनेवाले थे.
फोटो केस स्टडी-दोकंटेनर ने बाइक सवार दंपती की ली जान
इसी साल 30 अगस्त को दुमकासिउडी मार्ग पर शिकारीपाड़ा थाना के इंदरबनी गांव के पास कंटेनर की चपेट में आने से बाइक सवार दम्पत्ति की मौत मौके पर ही हो गयी थी. मृतक दंपत्ति शिकारीपाड़ा के सरायदहा गांव के रहने वाले थे. मृतक बाबूराम हेम्ब्रम शिक्षक थे जो मसलिया प्रखण्ड में पदास्थापित थे. जानकारी के अनुसार बाइक में पेट्रोल भराने के लिए पेट्रोल पंप पहुचे थे. फ्यूल भराकर पेट्रोल पम्प से निकल कर रोड पर आते ही तेज रफ्तार कंटेनर की चपेट में आ गए.केस स्टडी-तीनहाइवा ने सड़क किनारे दौड रही दो युवतियों की ली जान
इसी साल 22 सितंबर को सुबह-सुबह दुमका-भागलपुर स्टेट हाइवे पर हंसडीहा थाना क्षेत्र के कुरमाहाट रेलवे हॉल्ट के समीप कुजी गांव में हाइवा से कुचलकर दो युवतियों की घटनास्थल पर ही मौत हो गयी, जबकि एक अन्य गंभीर रूप से घायल हो गयी थी. हादसे में मौत से आक्रोशित लोगों ने नौ घंटे तक सड़क जाम रखी थी. इससे चार किलोमीटर तक वाहनों की लंबी कतार लग गयी थी. मृतका प्रियंका देवी (26 वर्ष) और सोनी देवी (20 वर्ष) दोनों आपस में चचेरी गोतनी थीं.हर दिन सड़क पर उतर रहे 52-53 नये वाहन
दुमका में औसतन हर साल बीस हजार नये वाहन उतर रहे हैं. यह आंकड़ा केवल दुमका जिले में निबंधित होनेवाले वाहनों की है. कई वाहन आज के समय में दुमका से बाहर भी खरीदे जा रहे हैं, जो नियमित रूप से दुमका में चल रहे है. दुमका जिले में कोयला परिवहन सहित माल की ढुलाई में हाल के दिनों में भारी मालवाहक वाहनों की खरीद में इजाफा हुआ है. यही नहीं रेल सेवाओं का विस्तार भले ही हो रहा हो, लेकिन प्राइवेट व पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए रोजाना वाहनों का निबंधन हो रहा है. दुमका में पांच साल के औसत को ही देखा जाये, तो हर दिन 52-53 नये वाहन दुमका की सड़कों पर उतर रहे हैं.साल-वाहनों का रजिस्ट्रेशन2024- 21030
2023- 196332022- 18879
2021- 173842020- 19288
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