प्रतिनिधि, मुंगेर सरस्वती शिशु मंदिर शादीपुर के विशाल प्रांगण में मंगलवार को शिशु वाटिका के बारह व्यवस्थाओं के तहत मेला का आयोजन किया गया. जिसमें छोटे-छोटे बच्चे द्वारा मनमोहक और आकर्षक प्रदर्शन किया गया. जिसमें वहां मौजूद लोगों को मन मोह लिया. चित्र पुस्तकालय में छोटे-छोटे बच्चे किस प्रकार चित्रों की सहायता से अधिक से अधिक जानकारी ले सकते हैं यह दर्शाया गया. विज्ञान प्रयोगशाला में विज्ञान के विभिन्न आयामों की बेसिक जानकारी दी गई. बच्चों के रचनात्मक प्रतिभा को निखरते हुए दिखाया गया. विभिन्न व्यवसायों और विभिन्न प्रकार के कार्यों का प्रयोग कर दर्शन करवाया गया. बच्चों ने अब तक जितना भी कार्य किया था उसे प्रदर्शनी के अंतर्गत दिखाया गया. वस्तु संग्रहालय के अंतर्गत विभिन्न प्रकार की वस्तुएंँ जिनका उपयोग बच्चे-बड़े सभी कर सकते हैं उनकों संग्रह कर सबके सामने प्रस्तुत किया गया. चिड़ियाघर में जलचर, नभचर और थलचर तीनों प्रकार के जीव जंतुओं का प्रत्यक्ष दर्शन करवाया गया. रंगमंच के अंतर्गत बच्चों के विभिन्न प्रकार की प्रतिभा जैसे कथा- कथन, कविता पाठ, अंग्रेजी गीत, संगीत, नाटक हर तरह की प्रतिभा का मंचन किया गया. क्रीड़ांगण में बच्चों ने विभिन्न प्रकार के खेल का आनंद लिया और जो सबसे आकर्षक का केंद्र रहा वह था तरणताल. जिसमें जल में रहने वाले जंतुओं का प्रत्यक्ष दर्शन भी हो रहा था और साथ में बच्चे उसमें खेल करके पानी का आनंद भी ले रहे थे. छोटे-छोटे बच्चों के द्वारा जो खेती का कार्य या कहीं के प्रकृति से जुड़ने का कार्य किया जाता है उसे गमले में प्रदर्शित किया गया. जितना आनंदित बच्चे थे उससे ज्यादा आनंदित अभिभावक थे. सभी बच्चों को कार्यक्रम के अंत में मेडल देकर सम्मानित किया गया. कार्यक्रम को सफल बनाने में कार्यक्रम प्रमुख कुमारी कंचन की महत्वपूर्ण भूमिका रही.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है