2027 तक बिहार का लक्ष्य किया गया निर्धारित संवाददाता,पटना स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि बिहार में कालाजार मरीजों की संख्या कम करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. वर्ष 2027 तक राज्य में कालाजार मरीजों की संख्या 50 से कम करने की दिशा में प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि बिहार कालाजार की समाप्ति के करीब पहुंच चुका है. वह मंगलवार को कालाजार उन्मूलन को लेकर आयोजित जिले के पदाधिकारियों की कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि कालाजार देश के लिए एक बड़ा सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौती रहा है. विशेष रूप से बिहार जैसे राज्यों में यह बीमारी गरीब और वंचित समुदायों को प्रभावित करती है. भारत सरकार ने कालाजार उन्मूलन के लिए एक व्यापक रोडमैप तैयार किया है. राज्य के 33 जिले कालाजार से प्रभावित हैं. वर्ष 2012 में कालाजार प्रभावित 33 जिलों के 231 प्रखण्ड अत्यधिक प्रभावित की श्रेणी में चिन्हित किये गये थे. जहां प्रति 10,000 की जनसंख्या पर एक से अधिक मरीज मिलने की रिपोर्ट प्राप्त हुई थी. वर्ष 2022 में यह घटकर शून्य रह गयी है. भारत सरकार द्वारा निर्धारित कालाजार उन्मूलन लक्ष्य 2026 के विरूद्ध बिहार राज्य द्वारा वर्ष 2022 में ही पूर्ण उन्मूलन लक्ष्य प्राप्त कर लिया गया है. इसे विगत तीन वर्षों से उसी स्तर पर बनाये रखा गया है. इन कालाजार प्रभावित 33 जिलों में से सात वैसे जिले हैं जहां वर्तमान वर्ष 2024 में एक भी कालाजार के मरीज नहीं पाये गये हैं. मुख्यमंत्री कालाजार राहत योजना से स्वास्थ्य लाभ के लिए प्रति मरीज इलाज के बाद एक मुश्त 6600 रुपये दिये जाते हैं. साथ ही भारत सरकार द्वारा 500 रुपये का भुगतान भी किया जाता है अर्थात कुल 7 हजार 100 रूपये भुगतान का प्रावधान है. कार्यक्रम में शशांक शेखर सिन्हा, मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी, बिहार स्वास्थ्य सुरक्षा समिति, अमिताभ सिंह, स्वास्थ्य मंत्री के आप्त सचिव, डा मनोज कुमार चौधरी, निदेशक, प्रमुख स्वास्थ्य विभाग, कृष्णा पांडेय , निदेशक, आरएमआरआइ, डॉ राजेश पांडेय , स्टेट कोऑर्डिनेटर, डब्लूएचओ, डॉ अशोक कुमार, एसपीओ, कालाजार, विकास सिन्हा, पीरामल, डा रवि शंकर सिंह आदि मौजूद रहे.
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