गया. बिहार सरकार के विधि विभाग के आदेश के खिलाफ मंगलवार को गया व्यवहार न्यायालय के कर्मियों ने मुख्य द्वार के बाहर प्रति जलाकर विरोध जताया. सभी कर्मी भोजनावकाश के दौरान अपने-अपने कार्यालय से निकलकर मुख्य द्वार के समीप पहुंच गये. सभी न्यायालय कर्मियों के हाथों में विधि विभाग के आदेश की प्रति थी. उस प्रति को लेकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. उसके बाद उसे जलाकर विरोध किया. जानकारी हो कि बिहार सरकार के विधि विभाग द्वारा 20 दिसंबर को वेतनमान के संबंध में आदेश पारित किया गया था. इस संदर्भ में न्यायालय कर्मियों ने कहा कि सर्वोच्च एवं उच्च न्यायालय द्वारा कई बार कहा गया है कि न्यायालय कर्मी का कार्य अलग प्रकार का है तथा समाहरणालय संवर्ग से काफी भिन्न है. न्यायालय कर्मियों को अपनी सेवा 24 घंटे देनी होती है. छुट्टी एवं किसी भी कार्य दिवस में यहां तक की रात में भी आवासीय कार्यालय में काम करना पड़ता है. वर्तमान में संघ की राज्य इकाई द्वारा इस संदर्भ में सचिवालय संवर्ग एवं उच्च न्यायालय के सहायकों के समकक्ष शुरुआती वेतन देने की मांग की गयी थी, क्योंकि न्यायालय कर्मियों के साथ ही सचिवालय सहायक एवं उच्च न्यायालय के सहायकों की शैक्षणिक योग्यता मैट्रिक की गया तो न्यायालय कर्मियों को किस आधार पर निम्न वेतन में रखा गया है. विरोध जताने वालों में कर्मियों में महेश मिश्रा, नीरज कुमार, पंकज कुमार, आलोक आजाद, किशोरी प्रसाद, मृत्युंजय, अमितेश, उपेंद्र प्रसाद, श्रीनिवास, ज्ञानदेव, अमित कुमार दूवेदी, विकास कुमार, राजेश कुमार, सजीत कुमार, अभय कुमार, धर्मेंद्र कुमार आदि शामिल थे.
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