– नगर प्रशासन की उदासीन रवैये के खिलाफ आक्रोश प्रतिनिधि, कटिहार नगर निगम के पार्षद कक्ष में मंगलवार को एक बैठक हुई. बैठक में पार्षदों ने पार्षद निधि लागू करने को लेकर एकजुटता दिखायी. पार्षदों की समूह द्वारा विचार विमर्श के दौरान बताया गया कि एक अक्तूबर 2024 को पार्षद निधि को लेकर बैठक हुई थी. जिसमें जनहित में इसे लागू करने पर प्रस्ताव लिया गया था. बैठक में निर्णय लिया गया कि आगामी माह में निगम बोर्ड की बैठक बुलाकर प्रस्ताव को सम्पुष्टि पर बल दिया जाये. इसके क्रियान्वयन नहीं होने के कारण वार्ड में विकास अवरूद्ध हो रहा है. पार्षद निधि का मूल स्वरूप आधार ही समावेशी और समय पर विकास हो. जैसा अन्य नगर निगम में होता आ रहा है. वर्तमान समय की प्रक्रिया जटिल है इसे सरल और त्वरित कार्य के लिए लागू करने के उद्देश्य से ही इसे अमल किया जाना चाहिए. पार्षदों ने बताया कि उप नगर आयुक्त को पटना नगर निगम भेजा गया था. पटना में पार्षद निधि लागू है. किस परिस्थिति में किस तरीके से इसे लागू किया गया है आदि की जानकारी उपलब्ध कराना था. अब तक उसकी रिपोर्ट न तो नगर प्रशासन न ही सदन को अवगत कराया गया है. समय रहते सभी वार्ड में इसका क्रियान्वयन कराया जाये आदि पर गंभीर रूप से चर्चा की गयी. पार्षदों का कहना था कि पूर्व की बैठक में लिये गये इस मद में प्रस्ताव अनुपालन को लेकर भ्रम की स्थिति एक सप्ताह के अंदर दूर नहीं किया जाता है तो लोकतांत्रिक तरीके से पार्षद अपनी आवाज को मुखर करेंगे. इसकी सारी जवाबदेही नगर प्रशासन को जायेगी. इस अवसर पर पार्षद संघ के संरक्षक मनीष घोष, संजय महतो, प्रमोद महतो, नितेश सिंह निक्कू, पार्षद प्रतिनिधि मनाेज मिश्रा, मनोज राय, राजू मांझी, दिनेश पांडेय, मुनीलाल उरांव, जमाल, साबीर, रेखा देवी, निशा कुलकणी, टुनटुन यादव, उमेश पासवान, चांदसी यादव, हर्ष अग्रवाल, पप्पू पासवान, सलीम अंसारी, मो मुतुजा, विनोद सिंह, इजहार अली, कैलाश शमा, असद इकबाल, अरूण यादव, संतोष देवी, चांदनी देवी, सनोज राम, खुशबू परवीन सहित 35 पार्षद उपस्थित थे.
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