कैमूर न्यूज : कुर्की जब्ती की छापेमारी से लेकर रात्रि गश्त का निरीक्षण तक खुद कर रहे एसपी
भभुआ कार्यालय.
राज्य के डीजीपी के रूप में जब से विनय कुमार ने कमान संभाली है, उसके बाद से यह देखा जा रहा है कि पूरे राज्य में पुलिस की कार्यशैली में बदलाव आ गयी है. डीजीपी बदलने एवं नये डीजीपी के काम संभालने का असर कैमूर में भी देखने को मिल रहा है. जब से नये डीजीपी ने काम संभाला है, तब से एसपी से लेकर डीएसपी व इंस्पेक्टर तक सभी पुलिस पदाधिकारी सड़कों पर रात्रि गश्ती की जांच से लेकर छापेमारी तक में स्वयं मौजूद रह रहे हैं. कहीं किसी तरह की अगर कोई घटना घटित हो रही है, तो उस घटनास्थल पर थानेदार के अलावे इंस्पेक्टर संबंधित अनुमंडल के एसडीपीओ तक पहुंच रहे हैं. एसपी भी तत्काल घटनास्थल पर पहुंचकर मामले की स्वयं जांच कर रहे हैं. कुल मिलाकर देखें, तो डीजीपी के बदलने के बाद से पूरा पुलिस महकमा रेस है. जिले के एसपी से लेकर थानेदार तक फील्ड में नजर आ रहे हैं. जहां यह आमतौर पर शिकायत रहती थी कि पुलिस के अधिकारी फील्ड में नहीं जाते हैं और कार्यालय में ही बैठकर मामले के अनुसंधान से लेकर सुपरविजन रिपोर्ट तक निकलते हैं. लेकिन, नये डीजीपी विनय कुमार ने जब से पदभार संभाला है, तब से इस बात पर वह खास जोर दे रहे हैं कि वरीय अधिकारी हर हाल में किसी घटना के घटित होने पर घटनास्थल पर स्वयं पहुंचे एवं रात्रि में स्वयं सड़कों पर निकालकर यह जांच करें कि पुलिस की गश्ती गाड़ी सड़कों पर गश्त कर रही है अथवा नहीं कर रही है और अगर थाने से निकली है, तो वह किस जगह पर है और कहीं पर गाड़ी लगाकर कर्मी सो तो नहीं रहे हैं. इसकी जांच के लिए पुलिस के वरीय अधिकारियों को रात्रि में फील्ड में घूम कर गश्ती की जांच के लिए निर्देश दिया गया है.रात्रि में औचक की जा रही वाहनों की जांच
डीजीपी के बदलने के बाद सड़कों पर पुलिस की एक नयी कार्रवाई देखने को मिल रही है. आये दिन यह देखा जा रहा है कि रात्रि में थानेदार, इंस्पेक्टर व एसडीपीओ से लेकर एसपी तक वाहनों की औचक जांच के लिए स्वयं सड़कों पर उतर जा रहे हैं. सोमवार की रात्रि में भभुआ में कैमूर स्तंभ के पास एसपी ललित मोहन शर्मा से लेकर एसडीपीओ शिव शंकर कुमार थानेदार मुकेश कुमार सहित अन्य पुलिस अधिकारी स्वयं मोहनिया एवं कुदरा की तरफ से आने एवं जाने वाले सभी वाहनों की जांच करते देखे गये. एसपी द्वारा खुद सड़क पर मौजूद रहकर अपने नेतृत्व में वाहनों की गहन जांच करायी जा रही थी. पुलिस मुख्यालय से निर्देश प्राप्त होने के बाद पुलिस महकमा के सीनियर अधिकारी आये दिन सड़कों पर स्वयं अपने नेतृत्व में रात में अचानक कहीं भी वाहनों की जांच शुरू कर दे रहे हैं. वाहनों की जांच रात्रि में पहले भी होती थी, लेकिन अभी यह देखा जा रहा है कि औचक होने वाली वाहनों की जांच में एसपी से लेकर इंस्पेक्टर तक स्वयं सड़कों पर मौजूद रह रहे हैं.
कुर्की जब्ती का खुद एसपी रहे थे नेतृत्व
बीते 20 दिसंबर को पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर पूरे जिले में कुर्की जब्ती के पेंडिंग मामलों के निष्पादन के लिए एक साथ अभियान चलाया गया. इसमें बड़े पैमाने पर लंबे समय से लंबित कुर्की जब्ती के मामलों का निष्पादन भी किया गया. बड़ी बात यह रही कि एक दर्जन से अधिक लंबे समय से फरार चल रहे अपराधियों ने आत्मसमर्पण कर दिया, तो दूसरी तरफ कई लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है. एक दर्जन घरों में कुर्की जब्ती की कार्रवाई की गयी. इतने व्यापक पैमाने पर काफी लंबे समय के बाद इतने प्रभावी ढंग से कुर्की जब्ती की कार्रवाई की गयी है. इसके अलावा कुर्की जब्ती अभियान की खास बात यह रही कि कुर्की जब्ती के लिए छापेमारी का नेतृत्व खुद एसपी ललित मोहन शर्मा कर रहे थे. वह स्वयं कई जगहों पर कुर्की जब्ती के दौरान स्थल पर मौजूद रहे. उनके अतिरिक्त एसडीपीओ, इंस्पेक्टर एवं थानेदार भी स्वयं छापेमारी में शामिल रहे.एसपी घटनास्थल पर पहुंच स्वयं कर रहे जांच
नये डीजीपी के प्रभार ग्रहण करने के बाद से यह भी देखा जा रहा है कि जिले में कहीं भी कोई घटना घटित हो रही है, तो सभी जगहोंं पर एसपी स्वयं घटनास्थल पर पहुंचकर मामले की जांच कर रहे हैं. एक सप्ताह पूर्व केवां के पास गैस संचालक से 60000 लूट लिये गये थे. इस घटना के बाद घटनास्थल पर तत्काल भभुआ एसडीपीओ शिव शंकर कुमार व उसके तुरंत बाद एसपी ललित मोहन शर्मा सहित सभी अधिकारी पहुंच गये. घटना की पूरी जानकारी लेने के बाद एसपी की ओर से स्वयं मामले के खुलासे के लिए कई आवश्यक निर्देश दिये गये. इसके अतिरिक्त अखलाशपुर में 20 दिसंबर को एक पिता के द्वारा अपने ही विकलांग पुत्र की हत्या कर दी गयी थी. उस मामले में भी थानेदार के अलावे एसडीपीओ से लेकर एसपी तक घटनास्थल पर पहुंचे और घटना की स्वयं जांच करने के साथ ही मामले में कार्रवाई के लिए कई आवश्यक निर्देश दिये. कुल मिलाकर देखें, तो सूबे में पुलिस के मुखिया बदलने के बाद से ही पुलिस के अधिकारी कार्यालय में कम फील्ड में ज्यादा नजर आ रहे हैं. इसी बात पर पुलिस मुख्यालय भी लगातार जोर दे रहा है कि पुलिस के अधिकारी फील्ड में स्वयं मौजूद रहकर यह देखें कि पुलिसकर्मी अपनी ड्यूटी को लेकर कितना सजग व चौकस हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है