संवाददाता, साहिबगंज
साहिबगंज जिले के पांच स्वयं-सहायता समूह (एसएचजी) राष्ट्रीय खादी और सरस महोत्सव 2024-25 में अपने विशेष हस्तनिर्मित उत्पादों के साथ मोराबादी मैदान, रांची में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर रहे हैं. इन स्टॉल पर प्रदर्शित उत्पाद में गौरी स्व-सहायता समूह (बोरियो) द्वारा हस्तनिर्मित पापड़, अचार, पहाड़िया लोबिया, चिरोटा, मल्टीग्रेन आटा, मड़ुआ आटा, मोरिंगा पाउडर शामिल हैं. वहीं लकी स्व-सहायता समूह (बरहरवा) द्वारा रंग-बिरंगी चूड़ियां. नूर स्व-सहायता समूह और आंचल स्व-सहायता समूह (मंडरो) द्वारा तैयार सिल्क साड़ी, दुपट्टा, सूट कपड़े और सिल्क फैब्रिक. रुइकया स्व-सहायता समूह (उधवा) की ओर से तैयार जूट बैग, स्कूल ड्रेस और अन्य कपड़े बेचे जा रहे हैं. इन स्वयं-सहायता समूहों द्वारा न केवल आर्थिक लाभ कमाया जा रहा है, बल्कि सरस महोत्सव के माध्यम से उन्हें मार्केटिंग, ब्रांडिंग और बिक्री का अनुभव भी प्राप्त हो रहा है. इन समूहों के उत्पाद स्थानीय संसाधनों और पारंपरिक तकनीकों का उदाहरण हैं, जो आत्मनिर्भर भारत और महिलाओं के सशक्तिकरण के लक्ष्य को मजबूत कर रहे हैं. साहिबगंज जिले की महिलाएं अपने कौशल और मेहनत के दम पर इस महोत्सव में न केवल जिले का प्रतिनिधित्व कर रही हैं, बल्कि अपनी पहचान को भी मजबूती से स्थापित कर रही हैं.
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