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अज्ञात वाहनों की चपेट में आने से अब तक दो सौ लोगों की जा चुकी है जान, 41 परिजनों को ही मिल पाया मुआवजा

अज्ञात वाहनों की चपेट में आने से अब तक दो सौ लोगों की जा चुकी है जान, 41 परिजनों को ही मिल पाया मुआवजा

खगड़िया. हिट एंड रन में जान गंवाने वालों के परिजन को दो लाख रुपये मुआवजा देने का प्रावधान है, लेकिन जानकारी के अभाव में पीड़ित परिवार मुआवजा राशि नहीं ले पाते हैं या फिर आवेदन करने में बड़ी देर लगाते हैं. विभागीय आंकड़े 1 अप्रैल 2022 से लेकर 30 अक्टूबर 2024 के बीच जिले में हिट एंड रन में करीब दो सौ लोगों की जान गयी है. बताया जाता है कि मुआवजा प्राप्त करना तो दूर कई लोगों ने आवेदन भी नहीं दिया है. पांच दर्जन से अधिक पीड़ित परिवारों द्वारा मुआवजा के लिए आवेदन भी नहीं दिये गये हैं. आवेदन नहीं कर पाने की मुख्य वजह जानकारी का अभाव बताया जा रहा है. लोगों में जागरूकता की कमी के कारण पीड़ित परिवार मुआवजा की राशि से वंचित हैं अथवा आवेदन करने में देर कर रहे हैं.

क्या है हिट एंड रन के मामले

हिट-एंड-रन मामले में दुर्घटना में शामिल ड्राइवर वाहन के साथ दुर्घटना स्थल से भाग जाते हैं या फिर अज्ञात वाहन से ठोकर लगने के मामले को हिट एंड रन कहा जाता है. जिले में अज्ञात वाहनों की ठोकर से बीते ढ़ाई साल के दौरान करीब दो सौ लोगों की जान जा चुकी है. सड़क हादसे में जान गंवाने वाले लोगों के परिजन के लिए हिट एंड रन कम्पनसेशन स्कीम संचालित है, जिसके तहत 1 अप्रैल 2022 के बाद अज्ञात वाहनों की ठोकर से मरने वाले लोगों के परिजन को जीआइसी ( जेनरल इंस्योरेंस काउंसिल मुंबई ) के द्वारा दो लाख रुपये मुआवजा मिलता है, लेकिन जिले में सड़क हादसे ( अज्ञात वाहनों ) के बाद मुआवजे के लिए आवेदन करने वालों की संख्या कम है.

परिवहन कार्यालय द्वारा भरवाये गये अधिकांश आवेदन

अज्ञात वाहनों की चपेट में आने से बीते ढाई साल में करीब दो सौ लोगों की जानें गयी है. जिसके विरुद्ध मुआवजे के लिए 138 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिसमें 41 पीड़ितों को मुआवजा मिला है. बताया जाता है कि इसमें अधिकांश आवेदन परिवहन पदाधिकारी/ कर्मी द्वारा पुलिस अधीक्षक कार्यालय से मृतकों की सूची प्राप्त कर उनके परिजनों को इस स्कीम की जानकारी देकर आवेदन भरवाए गए हैं, जबकि कुछ लोगों ने स्वंय से भी आवेदन जमा कराया है.

मुआवजा के लिए परिवहन कार्यालय में आवेदन करें जमा

डीटीओ विकास कुमार ने बताया कि अज्ञात वाहन से सड़क दुघर्टना में हुई मौत के बाद पीड़ित परिवार में सभी कागजात यानि मृतक का मृत्यु प्रमाण-पत्र, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, एफआईआर की कॉपी, मृतक व आश्रित का आधार कार्ड तथा आश्रित ( जिनके खाते पर राशि जाएगी) का बैंक एकाउंट नंबर के साथ विहित प्रपत्र में परिजन आवेदन करेंगे. यह आवेदन जिला परिवहन कार्यालय में जमा होंगे. जिला स्तर पर जांच की प्रक्रिया पूरी कर राशि भुगतान के लिए मुंबई भेजा जायेगा. वहां से परिजन के खाते पर दो लाख रुपये ट्रांसफर किये जायेंगे.

वाहन पकड़े गये तो ऑनलाइन जमा होंगे आवेदन, मिलेगा पांच लाख रुपये

अज्ञात वाहन की मौत पर दो लाख रुपये तथा ज्ञात वाहन यानि वाहन पकड़े जाने पर पीड़ित परिवार को कम से कम पांच लाख रुपया मिलेंगे. इसके लिए पीड़ित परिवार को उक्त सभी साक्ष्य के साथ बिहार मोटर वाहन दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण भागलपुर के पास ऑनलाइन आवेदन करना होगा. जानकारी के मुताबिक जिले में अज्ञात वाहन की ठोकर से बीते ढाई सालों में करीब ढाई सौ लोगों की मौत हुई है, लेकिन प्रर्याप्त जानकारी के अभाव परिजन प्रखंड/अनुमंडल / जिला कार्यालय के चक्कर लगाने में महीनों समय गंवा देते हैं.

41 मृतक के परिजनों के खाते में भेजी गयी राशि

डीटीओ ने बताया कि 41 मृतक के परिजनों के खाते में राशि भेजी गयी है. बताया कि हिट एंड रन मामले में मुआवजा की जानकारी नहीं रहने के कारण सड़क हादसे में अपने को खो देने वाले पीड़ित परिवार आवेदन नहीं कर पाए थे, लेकिन पुलिस अधीक्षक कार्यालय से अज्ञात वाहनों की ठोकर से मरने वाले लोगों की सूची प्राप्त कर 138 परिजनों से आवेदन कराए गए हैं. करीब 128 आवेदनों की जांच तथा जिला पदाधिकारी से अनुमोदन प्राप्त होने के उपरांत जीआइसी मुंबई को भेजा गया था, जिसमें 41 मृतक के परिजन के खाते पर मुआवजे की राशि वहां से भेजी गयी है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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