तेघड़ा. बुधवार से बिहार में दूसरी बार राज्यस्तरीय मल्लयुद्ध प्रतियोगिता का बेगूसराय जिला के तेघड़ा अनुमंडल क्षेत्र अंतर्गत मंसूरचक प्रखंड के एनएन सिन्हा प्लस टू विद्यालय के मैदान में भव्य आगाज होगा. दो दिवसीय ऐतिहासिक मल्लयुद्ध के लिए आयुर्वेद तरीके से पहलवानों के लिए सुविधाजनक अखाड़ा को तैयार किया गया है. इस संबंध में एसडीओ तेघड़ा राकेश कुमार ने बताया कि 12 लाख 50 हजार रूपया एवं चांदी के गदा वाली इनामी इस मल्लयुद्ध प्रतियोगिता की सारी तैयारियां पूरी कर ली गई है. बिहार राज्य एवं अन्य राज्यों से खिलाड़ियों के आने का सिलसिला शुरू है. जिसे रहने और खाने के लिए सुरक्षित उत्तम व्यवस्था की गई है. अखाड़े को मखमल से भी ज्यादा मुलायम विशेषज्ञ आखड़ा निर्माता और कुशल प्रशिक्षक के उपस्थिति में बनाया गया है. उन्होंने बताया कि अखाड़े की उंचाई जमीन से लगभग पांच फीट के आसपास होगी और पुरे अखाड़े की चौलाई गोलाकार स्थिति लगभग चालीस फीट के आसपास रहेगा ताकी दर्शकों को कुश्ती देखने में किसी प्रकार की परेशानी न हो.
प्रतियोगिता के लिए 400 से अधिक पहलवानों ने कराया रजिस्ट्रेशन
तेघड़ा एसडीओ राकेश कुमार ने बताया कि दो दिवसीय राज्य स्तरीय मल्लयुद्ध प्रतियोगिता चुंकि बिहार स्तर का है इसलिए इसमें राज्य के विभिन्न जिलों कुल 236 पहलवानों का चयन किया गया. जिसमें 190 पुरूष जबकि 46 महिला पहलवानों को चयनित किया गया है. हलांकि इस प्रतियोगिता में 400सौ से अधिक पहलवानों ने रजिस्ट्रेशन कराया था. लेकिन तकनीकी टीम ने अंतिम फैसला लिया. जिसमें महिला पहलवान तीन केटेगरी जिसमें 50-55 किलो, 57-62 किलो और 60 किलो एवं पुरुष पहलवान चार केटेगरी 60-70 किलो, 70-80 किलो, 80-90 किलो और 90 किलो से अधिक भार में भाग लेंगे.
अबीर से सजाया जायेगा अखाड़ा, पहलवानों के लिए आयुर्वेद अखाड़ा है तैयार
एसडीओ राकेश कुमार ने बताया कि मुल्तानी मिट्टी से ज्यादा मुलायम अखाड़े को बनाया गया है. इसके निर्माण में लगभग सौ ट्रेलर से अधि मिट्टी, दो सौ किलोग्राम से अधिक जैविक हल्दी पाउडर, लगभग छह सौ पीस काग्जी निंबु का रस, सौ किलोग्राम से अधिक देशी सरसों का तेल,एक सौ किलोग्राम से अधिक देशी घी, और दूध के मिश्रण से बेगूसराय जिला के मंसूरचक प्रखंड में ऐतिहासिक अखाड़ा को कुशल प्रशिक्षक की उपस्थिति में तैयार किया गया है. यह अखाड़ा पहलवानों की थकावट और हल्की फुल्के दर्द को खेलने के दौरान ही दूर करता रहेगा. इसलिए इसे आयुर्वेद अखाड़ा का नाम से पुकार रहे हैं स्थानीय लोग. वहीं अबीर की सजावट और खुशबू से पूरा खेल मैदान महकेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है