पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार जांच कार्य में उन प्रखंडों के एजीएम भी उपस्थित हुए, जिनके यहां अनाज गायब होने की शिकायत मिली थी. समाहरणालय स्थित झारखंड खाद्य निगम के कार्यालय में अधिकारियों से पूछताछ हुई. अधिकारियों से यह जानने का प्रयास किया गया कि कितनी मात्रा में अनाज कम है. एफसीआइ गोदाम से उठाव और जेएसएफसी गोदाम तक अनाज प्राप्त करने के बिंदुओं पर पूछताछ की गयी. बताते चलें कि जिले में एफसीआइ गोदाम से खाद्यान्न उठाव करने के बाद उसे प्रखंड स्तरीय जेएसएफसी के गोदामों में पहुंचाने की जिम्मेदारी परिवहन अभिकर्ता को थी. लेकिन जेएसएफसी गोदाम में पहुंचने से पूर्व ही अनाज से लदे कई ट्रक गायब हो गये. बताया जाता है कि जब एफसीआइ और जेएसएफसी की ऑनलाइन इंट्री की जांच की गयी, तो गड़बड़ी का मामला उजागर हुआ.
मैनुअल तरीके से अनाज रिसीव दिखा मामले को रफा-दफा करने का प्रयास
बताया जाता है कि मैनुअल तरीके से जेएसएफसी के एजीएम अनाज रिसीव कर मामले को रफा-दफा करने में लगे हुए थे. जानकारी मिलने पर झारखंड राज्य खाद्य एवं असैनिक आपूर्ति निगम लिमिटेड ने उप सचिव रामकृष्ण कुमार की अध्यक्षता में एक टीम गठित कर दी. उप सचिव के गिरिडीह पहुंचने के बाद बिरनी, गांडेय, बेंगाबाद, गावां एवं धनवार के एजीएम आगत पंजी, भंडार पंजी, निर्गत पंजी और ट्रक चालान लेकर उपस्थित हुए. सभी कागजातों को लेने के बाद एजीएम से अलग-अलग पूछताछ कर उनके बयान दर्ज किये गये. इस दौरान गिरिडीह जिला आपूर्ति पदाधिकारी सह झारखंड राज्य खाद्य निगम के जिला प्रबंधक भी उपस्थित थे.
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