कोलकाता.
आरजी कर कांड में न्याय की मांग को लेकर सीनियर व जूनियर डॉक्टरों एवं नर्सों ने मंगलवार को सीजीओ कॉम्प्लेक्स स्थित सीबीआइ दफ्तर का घेराव किया. मामले में सीबीआइ जांच से असंतुष्ट स्वास्थ्य कर्मियों ने मंगलवार को सेंट्रल पार्क मेट्रो स्टेशन से सीजीओ कॉम्प्लेक्स तक रैली निकाली. सर्विस डॉक्टर फोरम, मेडिकल सर्विस सेंटर और नर्सेस यूनिट के तत्वावधान में निकली इस रैली में 500 से अधिक सीनियर व जूनियर डॉक्टर एवं नर्स शामिल थे. प्रदर्शनकारियों ने सीजीओ कॉम्प्लेक्स के मेनगेट पर प्रतीकात्मक ताला जड़ दिया. प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी. इस दौरान पुलिस एवं प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प भी हुई. स्वास्थ्य कर्मियों ने बैरिकेड तोड़ने की कोशिश की. चिकित्सकों ने मामले में सीबीआइ की जांच पर सवाल उठाया. बता दें कि आरजी कर कांड में गिरफ्तार पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और टाला थाने के तत्कालीन ओसी अभिजीत मंडल को जमानत मिल गयी है. इसकी वजह यह थी कि केंद्रीय जांच एजेंसी उनके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल नहीं कर सकी थी. उसी दिन से डॉक्टरों के कई संगठन फिर प्रदर्शन शुरू कर दिये हैं. रैली में शामिल डॉ विप्लव चंद्रा ने आरोप लगाया कि केंद्र और राज्य सरकार जांच को निष्क्रिय करने की साजिश रच रही हैं. सीएफएसएल की जो रिपोर्ट सामने आयी है, उससे पता चलता है कि जूनियर महिला डॉक्टर से दुष्कर्म और उसकी हत्या के मामले में एक ही व्यक्ति की संलिप्तता नहीं हो सकती. घटना के चार महीने बाद भी कोई न्याय नहीं मिला है. सीबीआइ समय पर आरोप पत्र दाखिल नहीं कर पायी. इससे सवाल उठता है कि क्या केंद्र और राज्य सरकार की दो जांच एजेंसियां वास्तविक सच्चाई छिपाने की कोशिश कर रही हैं?नहीं सौंपा ज्ञापन : सर्विस डॉक्टर फोरम के कोषाध्यक्ष डॉ स्वपन मंडल ने बताया कि सीबीआइ को ज्ञापन सौंपने के लिए अपॉइंटमेंट लिया गया था. हमारे पांच प्रतिनिधि तैयार भी थे. लेकिन हम मामले में केंद्रीय एजेंसी की जांच से काफी असंतुष्ट हैं. इसलिए हमने अपॉइंटमेंट लेने के बाद भी ज्ञापन नहीं सौंपा. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सीबीआइ ठीक से मामले की जांच नहीं करती है, तो हमारा आंदोलन और तेज होगा.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है