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News Of Liquor Sale : प्लेसमेंट एजेंसियों ने सरकारी खजाने में जमा नहीं किये बिक्री के 65 करोड़, एक सप्ताह में चुकाना का आदेश

झारखंड स्टेट बेवरेजेज काॅरपोरेशन लिमिटेड (जेएसबीसीएल) द्वारा चयनित राज्य में खुदरा शराब बेचनेवाली प्लेसमेंट एजेंसियों ने मौजूदा वित्तीय वर्ष (2024-25) में करीब 65 करोड़ रुपये सरकारी खजाने में जमा नहीं किये हैं. आठ जिलों में खुदरा शराब बेचनेवाली प्लेसमेंट एजेंसियों पर बकाया की राशि 50 करोड़ रुपये से भी ज्यादा हो गयी है.

रांची. झारखंड स्टेट बेवरेजेज काॅरपोरेशन लिमिटेड (जेएसबीसीएल) द्वारा चयनित राज्य में खुदरा शराब बेचनेवाली प्लेसमेंट एजेंसियों ने मौजूदा वित्तीय वर्ष (2024-25) में करीब 65 करोड़ रुपये सरकारी खजाने में जमा नहीं किये हैं. आठ जिलों में खुदरा शराब बेचनेवाली प्लेसमेंट एजेंसियों पर बकाया की राशि 50 करोड़ रुपये से भी ज्यादा हो गयी है. इनमें रांची, धनबाद, पलामू, जमशेदपुर, खूंटी, बोकारो, हजारीबाग व कोडरमा शामिल हैं. मामला सामने आने के बाद विभागीय मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने सभी प्लेसमेंट एजेंसियों को एक सप्ताह के भीतर बकाया राशि भुगतान करने का निर्देश दिया है. साथ ही चेतावनी दी है कि तय समय के अंदर राशि जमा नहीं की गयी, तो संबंधित एजेंसियों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.

राज्य भर में प्लेसमेंट एजेंसी की देखरेख में की जाती है खुदरा शराब की बिक्री

बता दें कि राज्य में खुदरा शराब की बिक्री की जिम्मेदारी प्लेसमेंट एजेंसियों को दी गयी है. जेएसबीसीएल इन प्लेसमेंट एजेंसियों को थोक में शराब उपलब्ध कराती है, जिसे प्लेसमेंट एजेंसी अपने सेल्समैन के माध्यम से खुदरा में बेचती हैं. राज्य में फिलहाल आधा दर्जन से अधिक प्लेसमेंट एजेंसियां खुदरा शराब बेच रही हैं. शराब की बिक्री के बाद प्रतिदिन की राशि जमा करनी होती है, लेकिन प्लेसमेंट एजेंसियों ने शराब बेचने के बाद लगभग 65 करोड़ रुपये जमा नहीं किये हैं. इसकी जानकारी तब हुई, जब उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग ने शराब की बिक्री व जमा राशि की जांच करायी. इसमें राशि का अंतर पाया गया. इसके बाद विभागीय मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने शराब की बिक्री के बाद राशि जमा नहीं करने की जिलावार समीक्षा की. सभी जिलों की ओर से खुदरा दुकानों में उपलब्ध शराब और बकाया अंतर राशि की रिपोर्ट दी गयी. इस रिपोर्ट के सत्यापन और इसमें गड़बड़ी पाये जाने पर संबंधित पदाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी भी गयी.

राशि जमा होने पर इसका सत्यापन भी किया जायेगा

शराब बेचकर पैसा जमा नहीं करना गंभीर मामला है. सरकारी राशि को समय पर सरकारी खजाने में जमा कराने की जिम्मेदारी विभाग के पदाधिकारियों की है. लगभग 65 करोड़ रुपये शराब बिक्री के बाद जमा नहीं किये गये हैं. प्लेसमेंट एजेंसियों को राशि जमा करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है. तय समय में राशि जमा नहीं करनेवाली एजेंसी पर कार्रवाई की जायेगी. राशि जमा होने के बाद इसका सत्यापन भी कराया जायेगा.

योगेंद्र प्रसाद, उत्पाद एवं मद्य निषेध मंत्री

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