रांची. संत मरिया महागिरजाघर में जन्म पर्व की आराधना में मुख्य अनुष्ठाता आर्चबिशप विंसेंट आईंद थे. आर्चबिशप ने मिस्सा के दौरान कहा कि आज के दिन हम लोग जागरण करते हुए यीशु का स्वागत करते हैं. हम यीशु के स्वागत के कई रूप की बात करते हैं. ऐतिहासिक रूप से और बाइबल के जरिये भी हमारा विश्वास है कि बेतलेहम में रात के अंधेरे में यीशु का जन्म हुआ.
ऐतिहासिक घटनाओं का स्मरण कर रहे हैं.
आर्चबिशप ने कहा कि हम आज बेतहेलम की भौगोलिक और ऐतिहासिक घटनाओं का स्मरण कर रहे हैं. बेतलेहम में जब चरवाहे जागरण करते हुए अपने भेड़ों की रक्षा कर रहे थे, तभी उन्हें स्वर्गदूतों के जरिये ईश्वर का संदेश मिला. यह संदेश आनंद और उद्धार का था कि गोशाले में यीशु का जन्म हुआ है. यह घटना हमें स्मरण दिलाती है कि हमें भी जीवन के अंधियारे में जागरण करना है, ताकि हम प्रभु के आगमन से चूक नहीं जायें. जागरण का मतलब है-जीवन को अच्छा बनाना. सादगी से जीवन जीना, नीतिपूर्वक रहना, प्रेम, शांति और भाईचारा को बढ़ावा देना. यह सभी जागरण की स्थिति है.
प्रभु यीशु की महिमा का गान किया
आराधना के दौरान बाइबल से पाठ वचन पढ़े गये. कोयर दलों ने गीतों से प्रभु यीशु की महिमा का गान किया. इस आराधना में पल्ली पुरोहित फादर आनंद डेविड सहित अन्य पुरोहितों ने आर्चबिशप को आराधना में सहयोग किया. आराधना संपन्न होते ही सबने एक-दूसरे को क्रिसमस की बधाई दी.
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