Bokaro News :
विनोद सिन्हा, चंद्रपुरा.
चंद्रपुरा के मेथोडिस्ट चर्च में 57 वर्षों से प्रार्थना होती आ रही हैं. हर रविवार यहां ईसाई धर्मावलंबी आते हैं और यीशु मसीह के सामने प्रार्थना कर एक-दूसरे से मिलते हैं. जय यीशु व हाथ मिलाने की परंपराएं आज भी चल रही हैं. ऐसे चंद्रपुरा में दूसरा चर्च न्यू पिपराडीह में संत जोसेफ्स कैथोलिक चर्च के नाम से है, जो माता मरियम के लिए बना है. इस चर्च में भी हर रविवार लोग प्रार्थना के लिए आते हैं. यहां हर रविवार सुबह साढ़े सात बजे ही प्रार्थना की जाती है, जबकि मेथोडिस्ट चर्च में आठ बजे से प्रार्थना शुरू होती है. बताया जाता है कि 1960 के दशक में सीटीपीएस प्लांट बनने के क्रम में आये ईसाई समुदाय के लोगों ने चर्च बनाने के लिए एक प्राइवेट क्षेत्र को चुना. जमीन खरीदकर 1967 में वहां चर्च बनाया गया. उसके बाद वहां नियमित प्रार्थना होती आ रही हैं. चर्च को बनाने में तत्कालीन परियोजना प्रबंधक वीजे राव की महत्वपूर्ण भूमिका थी. इसी चर्च के कारण उस रोड का नामकरण चर्च रोड के नाम से हुआ. वर्तमान समय में इस रोड के अगल बगल एक बड़ी आबादी निवास करती है. चंद्रपुरा में लगभग 300 परिवार हैं, जो इस समुदाय से जुड़े हैं. हालांकि यहां भंडारीदह, दुगदा, बाघमारा क्षेत्र से भी ईसाई धर्मावलंबी हर रविवार प्रार्थना के लिये आते हैं. सबसे बड़ी बात कि शादी-ब्याह सहित विभिन्न तरह के आयोजन मेथोडिस्ट चर्च में संपन्न होता है. वर्तमान समय मेथोडिस्ट चर्च के फादर डॉ मोजेज एस प्रसाद हैं. 25 दिसंबर को लेकर चर्च में विशेष तैयारी की गयी है. फादर के अनुसार चर्च की रंगाई पुताई की गयी है. चर्च के अंदर सजावट की गयी है. 25 दिसंबर की शुरुआत होते ही चर्च में सैकड़ों की संख्या में जमा धर्मावलंबियों ने विशेष प्रार्थना में भाग लिया. इसके बाद देर तक गीत-संगीत का कार्यक्रम चला.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है