राज्य के परिवहन विभाग को सरकारी खजाना भरने के लिए धनबाद समेत जिलों के डीटीओ, आरटीओ, एमवीआइ को अभियान चलाकर राजस्व संग्रह करने को कहा है. इसके लिए जिला परिवहन विभाग को वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 294 करोड़ राजस्व वसूली का लक्ष्य दिया गया था. इसके एवज में परिवहन विभाग ने इस वित्तीय वर्ष में अप्रैल से नवंबर तक 150 करोड़ रुपये राजस्व वसूला है. जो कुल लक्ष्य का मात्र 51.03 प्रतिशत है. लक्ष्य पूरा करने के लिए विभाग को मार्च तक 144 करोड़ रुपये राजस्व वसूलना होगा. यह आंकड़ा वाहन निबंधन, ड्राइविंग लाइसेंस, वाहन जांच आदि अन्य अभियान के जरिये राजस्व वसूली का है. जिला परिवहन विभाग वित्तीय वर्ष 2023-24 में भी लक्ष्य पूरा नहीं कर पाया था.
2023 में हुई थी 80% राजस्व वसूली :
वित्तीय वर्ष 2023-24 में भी धनबाद परिवहन विभाग निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर पाया था. बीते वर्ष जिला परिवहन विभाग को 249 करोड़ रुपये राजस्व वसूली का लक्ष्य दिया गया था. इसके विरुद्ध विभाग 80 प्रतिशत लक्ष्य पूरा कर पाया था. बीते वर्ष परिवहन विभाग ने वाहन निबंधन, ड्राइविंग लाइसेंस, वाहन जांच आदि अन्य अभियान के जरिये लगभग दो सौ करोड़ रुपये राजस्व वसूला था.नीलाम पत्र वाद का छह करोड़ बकाया :
धनबाद में परिवहन विभाग का नीलाम पत्र वाद का लगभग छह से सात करोड़ रुपये बकाया है. जिला परिवहन पदाधिकारी दिवाकर सी द्विवेदी ने बताया कि पिछले साल लगभग नौ करोड़ का बकाया था. इसमें ज्यादातर मामले वाहन पंजीकरण फेल होने के हैं. सभी प्रकार के वाहन के 15 साल पूरा होने के बाद उनका पंजीकरण खत्म हो जाता है. इसके बाद वाहन मालिक अपने गाड़ियों को ना डी-रजिस्टर कराते है और ना ही टैक्स भरते हैं. ऐसे में वाहन पर टैक्स बढ़ता चला जाता है और विभाग पर इसका बकाया बढ़ता जाता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है