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एमईसी का चुनाव के बाद छोड़ देंगे अध्यक्ष व महासचिव पद

मुस्लिम एजुकेशन कमेटी (एमईसी) में आपसी विवाद को एक माह से ज्यादा समय बीत चुका है. एमईसी की पुरानी व नये कमेटी के बीच विवाद सुलझने का नाम नहीं ले रहा है.

मुस्लिम एजुकेशन कमेटी (एमईसी) में आपसी विवाद को एक माह से ज्यादा समय बीत चुका है. एमईसी की पुरानी व नये कमेटी के बीच विवाद सुलझने का नाम नहीं ले रहा है. कभी पुरानी कमेटी के अधिकारी, तो कभी नयी कमेटी के अधिकारी प्रेसवार्ता कर एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगा रहे है. एक दिन पहले मंगलवार को एमईसी के अध्यक्ष मो इस्लाम व प्रो फारूक अली ने प्रेसवार्ता कर नयी कमेटी पर हमला बोला है. अध्यक्ष मो इस्लाम ने बताया कि विवाद को दूर करने का एक ही रास्ता है. चुनाव कराने में सभी लोग सहयोग करे. चुनाव के बाद तुंरत अध्यक्ष पद छोड़ देंगे. उन्होंने कहा कि एमईसी के कुछ सदस्य संस्थान को बर्बाद करने में लगे है. इससे किसी को फायदा नहीं होने वाला है. बल्कि समाज के कमजोर बच्चों को उन शैक्षणिक संस्थानाें में पढ़ाई करने में आगे दुश्वारी आयेगी. अध्यक्ष ने कहा कि मुस्लिम डिग्री कॉलेज के बैंक खाता पर निकासी करने पर रोक लगाने के लिए संबंधित बैंक मैनेजर को पत्र लिखा गया है. कुछ लोग कॉलेज के संसाधन का गलत उपयोग कर रहे हैं. वहीं, महासचिव रहे प्रो फारूक अली ने कहा कि चुनाव में कुछ लोग बाधक बनने का काम कर रहे है. चुनाव से उनलोगों को क्यों डर लग रहा है. जबकि उनलोगों के ही ज्यादा सदस्य जीत कर कमेटी में है. उन्होंने कहा कि एमईसी के कोषाध्यक्ष को गैर कानूनी रूप से कुछ लोग अपने साथ कर लिया है. अभी भी गुंजाइश है. चुनाव प्रक्रिया में सहयोग करे. चुनाव के बाद महासचिव पद से इस्तीफा अविलंब दे दूंगा. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने आइजी रजिस्ट्रार पटना को पत्र लिखकर सारे चीजों से अवगत करा दिया है. रजिस्ट्रार ने आयोग के सदस्यों को बात करने के लिए पटना बुलाया है. चुनाव आयोग को अनुभव भी कमी : आरिफ अली एमईसी के संयुक्त सचिव मो आरिफ अली ने कहा कि चुनाव कराने के लिए गठित आयोग के सदस्यों को अनुभव की कमी है. आयोग से जारी कई नोटिस में कई प्रकार की गड़बड़ी सामने आयी है. आयोग के सदस्यों को यह भी पता नहीं है. कि चुनाव के लिए कुल मतदाता की संख्या कितनी है. आयोग ने अबतक यह भी नहीं बताया कि मतदान के लिए बूथ कहां बनाया जायेगा. मतपेट्टी को रखने के लिए स्ट्रांग रूम कहां बनाया जायेगा. चुनाव में सुरक्षा को लेकर कौन फोर्स की तैनाती की जायेगी. संयुक्त सचिव ने आरोप लगाया कि आयोग चुनाव कराने के लिए दस लाख रुपये की मांग कर रहा है. यह भी नहीं बता पा रहे है कि उस राशि को किस-किस मद में राशि खर्च करेंगे. उन्होंने बताया कि 21 दिसंबर को एमईसी के आम सभा में गड़बड़ी को देखते हुए सदन ने सर्वसम्मति से आयोग के सभी सदस्यों को हटाने का निर्णय ले लिया है. एमईसी बायलॉज एक्ट अनुच्छेद नौ के तहत आयोग को हटाया गया है. मो आरिफ ने बताया कि बायलॉज के तहत पांच ट्रिब्यूनल सदस्य बनाने का प्रावधान है ताकि चुनाव में गड़बड़ी होने पर ट्रिब्यूनल सदस्य को मामले में लिखित शिकायत कर सकें. इतना सारा गड़बड़ी मिलने पर किया चुनाव निष्पक्ष व शांतिपूर्ण हो सकता है. चुनाव से कोई डर या भाग नहीं रहा है. लेकिन इन सब खामियां को पहले दूर किया जाये.

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