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अंडा उत्पादन में स्वावलंबी बन गया बीरभूम

बीरभूम जिला स्वनिर्भर समूहों के माध्यम से अंडा उत्पादन में बीरभूम जिला आत्मनिर्भर हो गया है. यही नहीं, अंडा उत्पादन में जिला अब राज्य के अन्य जिलों को भी अंडा आपूर्ति कर रही है. बीरभूम में वार्षिक लक्ष्य से अधिक अंडे का उत्पादन हुआ है. पिछले कुछ वर्षों के लगातार प्रयासों के फलस्वरूप वित्त वर्ष 2023-24 में बीरभूम जिले में छह करोड़ अतिरिक्त अंडों की आपूर्ति की गयी है.

बीरभूम.

बीरभूम जिला स्वनिर्भर समूहों के माध्यम से अंडा उत्पादन में बीरभूम जिला आत्मनिर्भर हो गया है. यही नहीं, अंडा उत्पादन में जिला अब राज्य के अन्य जिलों को भी अंडा आपूर्ति कर रही है. बीरभूम में वार्षिक लक्ष्य से अधिक अंडे का उत्पादन हुआ है. पिछले कुछ वर्षों के लगातार प्रयासों के फलस्वरूप वित्त वर्ष 2023-24 में बीरभूम जिले में छह करोड़ अतिरिक्त अंडों की आपूर्ति की गयी है. बीरभूम जिला पशुधन विकास विभाग के सतत व सुनियोजित प्रयासों के फलस्वरूप ही यह सफलता मिली है. इस वर्ष जिले से अन्य जिलों को भी अतिरिक्त अंडों की आपूर्ति की जायेगी. ध्यान रहे कि अंडा आसान पशु प्रोटीन है, जिसे घर पर उत्पादित किया जा सकता है. इसलिए मध्याह्न भोजन से लेकर घर पर पोषण देने का पर्याय जिले में अंडा ही है. अंडा उत्पादन के मामले में जिला इस वर्ष आत्मनिर्भर हो गया है. यही नहीं, सर्वे के मुताबिक, बीरभूम जिला राज्य के पड़ोसी जिलों में अतिरिक्त अंडे भेजने के लिए भी समर्थ हुआ है. जिलेभर में प्रति वर्ष औसतन 82 से 84 करोड़ अंडों की मांग रहती है. ज्यादातर मामलों में इन पोषक तत्वों से भरे अंडे की आपूर्ति बीरभूम जिले के ग्रामीण क्षेत्रों से मुर्गियों व बत्तखों को पालने से होती है. इन अंडों की लगातार मांग बढ़ रही है. यही कारण है कि इन अंडों की अच्छी कीमतें भी इसके उत्पादक करने वालों को हो रही है. खुदरा बाजार में प्रत्येक अंडा 7 रुपए 40 पैसे में बिक है. हालांकि, सरकारी रेट पांच रुपये 60 पैसे है. प्रशासन का दावा है कि हमारा जिला इन अंडों के उत्पादन में आत्मनिर्भर हुआ है.

ऐसे में खुले बाजार में अंडों की कीमत कम होना तय है.पिछले वित्तीय वर्ष 2022-23 में जिले में अंडा उत्पादन का लक्ष्य 84 करोड़ था. वही प्रोडक्शन 73 करोड़ हुआ था. इसलिए, पशुपालन विभाग ने लक्ष्य को पूरा करने और चालू वर्ष में उत्पादन बढ़ाने के लिए अतिरिक्त पहल की. पशु विकास विभाग के जिला निदेशक तुहिन चक्रवर्ती ने बताया कि वर्ष 2023-24 में 90 करोड़ 84 लाख अंडे का उत्पादन किया गया है. जिले की डिमांड करीब 84 करोड़ है.स्वाभाविक रूप से, जिला पशुपालन विभाग ने 6 करोड़ अतिरिक्त अंडे का उत्पादन करने के लिए ग्रामीणों को प्रोत्साहित किया है. तुहिन चक्रवर्ती बताते है कि हम अंडा उत्पादन के लिए ग्रामीण इलाकों में लगातार मुफ्त बत्तख और मुर्गियां ग्रामीणों को उपलब्ध करा रहे हैं. स्वनिर्भर ग्रुपों को भी मुर्गी और बत्तख उपलब्ध कराया गया है. जिससे इन ग्रामीणों की आर्थिक स्थिति सुधर रही है वही जिले में अंडा उत्पादन भी बढ़ता जा रहा है.

तुहिन चक्रवर्ती बताते है कि राज्य सरकार मुर्गी पालन पर जोर दे रही है. राज्य की योजना के अनुसार फ्री-रेंज चराई द्वारा अधिक अंडे का उत्पादन किया जा रहा है.हमारे टोल फ्री नंबर पर भी निःशुल्क परामर्श दिया जा रहा है. मुर्गियों को सही समय पर वैक्सीन देने का कार्य हम लोग मोबाइल वैन के मार्फत पहुंचा रहे है. ग्रामीणों का कहना है कि हम केवल अंडे का उत्पादन नहीं कर रहे हैं. हमने चूजों और बत्तखों के उत्पादन पर भी अतिरिक्त ध्यान दिया है. यही कारण है कि बीरभूम जिला अंडा उत्पादन में आत्मनिर्भर जिला बन गया है .ग्रामीणों का कहना है कि अंडा उत्पादन के कारण उनकी आर्थिक आय भी बढ़ी है.

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