बक्सर. जिले में स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई कार्य हुए हैं जिसका लाभ नये साल में जिले के मरीजों को मिलेगा. सभी कार्य लगभग पूरे हो गये हैं. जिले में स्वास्थ्य के क्षेत्र में विकास के तहत नवजात गहन चिकित्सा इकाई, आईसीयू एवं बेहतर सुविधाओं से सुसज्जित फील्ड अस्पताल का निर्माण कार्य पूरा हो गया है. फील्ड अस्पताल स्वास्थ्य विभाग कोे हस्तगत करा दिया गया है. इसके साथ ही आइसीयू भी सदर अस्पताल को हस्तगत हो गया है. इसके साथ ही पुराना सदर अस्पताल परिसर में तैयार 50 बेडों का पीकू अर्थात नवजात गहन चिकित्सा इकाई बनकर तैयार है जिसका लाभ नये साल में जिले के नवजात बच्चों को मिलेगा, जिससे नवजात बच्चों को विशेष परिस्थिति में भी जिले में इलाज संभव हो सकेगा. इसके साथ ही शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के साथ ही नावानगर में एचडब्ल्यूसी कड़सर को राज्य स्तरीय एनक्वास सर्टिफिकेशन प्राप्त हो चुका है. जिन्होंने केंद्र स्तरीय सर्टिफिकेशन के लिए आवेदन किया है. जिसे मिलने के बाद संबंधित अस्पतालों में चिकित्सकीय सुविधा में और भी विकास होगा. सर्टिफिकेशन के बाद इन अस्पतालों में बेहतर चिकित्सकीय सुविधा को लेकर केंद्र सरकार से वित्तीय सहायता प्राप्त होगी. इसके शुरू होने से जिले में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा में वृद्धि हुई.
आइसीयू में मरीजों के लिए शामिल हैं सुविधाएं
बड़े शहरों में मिलने वाली महंगी गहन चिकित्सा इकाई अर्थात आइसीयू की तरह जिले के सदर अस्पताल में भी मरीजों को आइसीयू की सुविधा नये साल में मिलने की संभावना बढ़ गयी है. सदर अस्पताल में वार्ड का निर्माण कार्य मिशन 60 के तहत ही पूरा हो गया है, जो एनेस्थेटिक डॉक्टर के अभाव में जिले के मरीजों को इसकी सुविधा नहीं मिल पा रही है. नये साल में एनेस्थेटिक डॉक्टर की पदस्थापना के बाद मरीजों को सुविधा मिलनी शुरू हो जायेगी. एनेस्थेटिक डॉक्टर की कमी को लेकर विभाग को स्वास्थ्य विभाग ने पत्र लिखा है. डॉक्टर की उपलब्द्धता के बाद आइसीयू में मरीजों को इमरजेंसी जीवन रक्षक सुविधाएं शीघ्र ही प्राप्त होंगी.आइसीयू में वेंटीलेटर, इलेक्ट्रोइनसिफैलोग्राफी, डायलिसिस मशीन, सेंट्रल लाइन, आइसीयू मैट्रेस, बेडसाइड मॉनिटर, इंट्रावीनस इंफ्यूजन पम्प, फीडिंग ट्यूब व पम्प, पल्स ऑक्सीमीटर, इइजी बॉक्स व इलेक्ट्रोड्स, रेस्ट्रेंट्स, कैथेटर, कम्प्रेशन स्टॉकिनेट्स इसके अलावा आइसीयू में इसीजी, एबीजी, सोनोग्राफी, पोर्टेबल एक्स-रे और इमरजेंसी दवाएं भी होगी, लेकिन डॉक्टर की कमी के कारण अभी सुविधा की शुरूआत नहीं हुई है. नये साल में सुविधा मिलने की संभावना बढ़ गयी है.
पीकू इकाई बनकर है तैयार
नगर के पुराने सदर अस्पताल में बच्चों के इलाज को लेकर 42 बेडों की पीकू इकाई अर्थात नवजात शिशु गहन इकाई वार्ड बनाया गया है, जहां एक साथ बच्चों की गहन चिकित्सा को लेकर अस्पताल बनाया गया है, जिसका लाभ जिले के मरीजों को नये साल में प्राप्त होगा. एजेंसी द्वारा विभाग को हस्तगत कराया जा रहा है. शीघ्र ही स्वास्थ्य विभाग को हस्तगत कराया जा सकेगा. इसके बाद जिले के गंभीर बीमारियों से ग्रसित नवजात शिशुओं को भी स्थानीय स्तर पर इलाज संभव हो सकेगा.
50 बेडों का आकस्मिक परिस्थिति के लिए फील्ड अस्पताल है तैयार
जिले में आधुनिक सुविधाओं से लैस फील्ड अस्पताल की स्थापना की गयी है. फील्ड अस्पताल किसी भी आकस्मिक परिस्थिति में मरीजों की सेवा को लेकर 50 बेडों का अस्पताल पुराना सदर अस्पताल परिसर में तैयार है. इस अस्पताल में आकस्मिक परिस्थिति या महामारी के दौरान मरीजों को एक साथ अत्याधुनिक व्यवस्था में इलाज की सुविधा मिल सकेगी. फील्ड अस्पताल पूरी तरह से वातानुकूलित बनाया गया है, जहां एक साथ 50 बेडों के सहारे मरीजों को सुविधा मिलेगी.
दो अस्पतालों को मिला एनक्वास सर्टिफिकेशन : जिले के दो अस्पतालों को बेहतर स्वास्थ्य गुणवत्ता को लेकर राज्य स्तरीय एनक्वास सर्टिफिकेशन प्राप्त हो गया है. जिन्होंने केंद्र के सर्टिफिकेशन को लेकर आवेदन किया है. जिले के सदर पीएचसी अंतर्गत शहरी पीएचसी एवं हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर कड़सर को राज्य स्तरीय एनक्वास सर्टिफिकेशन प्राप्त हुआ है, जहां केंद्र की टीम से सर्टिफिकेशन प्राप्त होने के बाद संबंधित स्वास्थ्य केंद्रों काे केंद्र सरकार से आर्थिक सहायता प्राप्त होगी, जिससे इन स्वास्थ्य केंद्रों में और भी बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मरीजों को प्राप्त हो सकेंगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है