Bihar News: शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूल के हेडमास्टरों को अब एक नया टास्क सौंप दिया है. स्कूल के बच्चों को अवारा कुत्तों से कैसे बचाया जाए, यह अब हेडमास्टर साहेब को ही सोचना होगा. दरअसल, गांव और शहरों में स्कूल जाते समय रास्ते में अवारा कुत्ते बच्चों के पीछे पड़ जाते हैं और उन्हें काट लेते हैं. ऐसे में हेडमास्टर साहेब के जिम्मे भी कुछ काम सौंपा गया है जिससे ऐसी घटनाओं पर रोक लग सके. वहीं बीईओ को भी अलर्ट किया गया है कि इस तरह की घटना नहीं घटे.
बच्चों के पीछे पड़ते हैं अवारा कुत्ते, शिक्षा विभाग गंभीर
बिहार में स्कूल जाने के दौरान अवारा कुत्ते बच्चों के पीछे पड़ जाते हैं. जिससे बच्चों को स्कूल जाने में परेशानी होती है. इस तरह के कई मामले अलग-अलग स्कूलों से सामने आए हैं. जिसके बाद अब शिक्षा विभाग इन घटनाओं को लेकर गंभीर है और इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए प्रयास शुरू करवाया है. ऐसी घटनाओं पर रोक लगाने की जिम्मेदारी स्कूल के हेडमास्टर को दी गयी है.
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हेडमास्टर के लिए क्या है निर्देश…
शिक्षा विभाग का निर्देश है कि स्कूल के हेडमास्टर यह सुनिश्चित करेंगे कि स्कूल परिसर में कुत्ते प्रवेश नहीं करें. इस दौरान अगर मिड डे मील का खाना या उसका कूडा बचता है तो वह स्कूल से दूर कहीं उस जगह पर फेंका जाए जहां कचरा फेंकने की अनुमति हो. ऐसा इसलिए जरूरी है ताकि आसपास कुत्ते नहीं भटक सके. जिन स्कूलों में एमडीएम संचालित होते हैं उन स्कूलों पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया गया है.
बीईओ को भी सौंपी जिम्मेवारी
हेडमास्टर के अलावे बीईओ को भी जिम्मेवारी दी गयी है. बोईओ को अलर्ट किया गया है कि इस तरह की घटना नहीं हो. बीईओ रोजाना स्कूल की मॉनिटरिंग करेंगे. सरकारी और निजी स्कूलों के बच्चों को कुत्तों से बचाव और कुत्ता के द्वारा काटने से होने वाली बीमारी और खतरों के प्रति जागरूक भी करेंगे.