Gaya News: गया के प्रभावती अस्पताल को अब जल्द ही 29 करोड़ की लागत से तैयार नये भवन में शिफ्ट कर दिया जायेगा. इस भवन को 25 सौ स्कवायर मीटर में तैयार किया गया है. नये भवन को शिफ्ट करने के लिए सभी आवश्यक काम लगभग पूरे कर लिये गये हैं. फिलहाल बिजली कनेक्शन की तैयारी चल रही है. इसके लिए साउथ बिहार पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी से बात हुई है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस दिशा में जोर-शोर से तैयारी की जा रही है. गुरुवार को डीएम डॉ त्यागराजन ने नये भवन का निरीक्षण किया. इस दौरान नये भवन में तैयार किये जा रहे सभी विभागों की व्यवस्था को समझा. भवन निर्माण बिहार मेडिकल सर्विसेज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर कॉरपोरेशन द्वारा किया गया है.
डीएम ने दिया सिविल सर्जन को निर्देश
डीएम ने जिला अर्ली इंटरवेंशन सेंटर का भी निरीक्षण किया. यहां विशेष कर बच्चों का स्पेशल वार्ड बनाया गया है. इसमें मुख्य रूप से ऑडियोलॉजिकल टेस्ट, आंख संबंधित उपचार, ऑक्यूपेशनल थेरेपी, खेल थेरेपी, बिहेवियर मोडिफिकेशन सहित अन्य प्रकार के ट्रेनिंग प्रोग्राम बच्चों का करवाया जाता है, ताकि बच्चे पूरी तरह स्वस्थ रह सकें. डीएम ने सिविल सर्जन को निर्देश दिया है कि विभिन्न प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से बच्चों को यहां रेफर कर कर इलाज कराये. डीएम ने जानकारी लिया कि प्रतिदिन एवं प्रति माह कितने बच्चों का उपचार होता है. उन्होंने निर्देश दिया है कि और प्रभावी रूप से बच्चों को यहां थेरेपी करवाये और बेहतरीन तरीके से संचालन करवाये. उन्होंने खुशी प्रकट करते हुए कहा कि यहां बच्चों के लिए काफी अच्छी व्यवस्था है. इसे पूरी तरह प्रयोग में लायें.
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अस्पताल कैंपस में पार्क बनाने का निर्देश
अस्पताल कैंपस के निरीक्षण के दौरान डीएम ने संबंधित अधिकारी को परिसर में लगे जंगल झाड़ को पूरी तरह साफ सफाई कराकर एक पार्क के रूप में डेवलप करने का निर्देश दिया. इसके साथ ही इस नवनिर्मित अस्पताल भवन में सभी प्रकार की इक्विपमेंट एवं फर्नीचर को अगले सात दिनों के अंदर लगवाने का निर्देश दिया.
ANM हॉस्टल की जर्जर स्थिति पर डीएम का निर्देश
प्रभावती अस्पताल कैंपस में एएनएम हॉस्टल का भी निरीक्षण किया. निरीक्षण में बताया गया कि यहां कुल 200 बच्चे नामांकित मिले और 172 बच्चे रह रहे हैं. सिविल सर्जन ने बताया कि एएनएम हॉस्टल का सेकंड फ्लोर काफी जर्जर है. इस पर डीएम ने विभाग को पत्र भेजने का निर्देश दिया तथा सिविल सर्जन को निर्देश दिए हैं कि अपने स्तर से कोई तत्काल भवन चिह्नित करने का काम करें. इसके अलावा उन्होंने निर्देश दिया है की सेकंड फ्लोर पर कोई भी बच्चा नहीं जाये, प्रथम तल पर ही रहने एवं पढ़ाई की व्यवस्था हो.
चार मंजिल बिल्डिंग में ऐसी होगी व्यवस्था
मैनेजर प्रोजेक्ट ने बताया कि यह भवन चार मंजिल का है. ग्रांउड फ्लोर पर सीटी स्कैन की व्यवस्था है. इसके अलावा यहां पर एक्स-रे, रेडियोलॉजी, अल्ट्रासांउड लैब व इसीजी कराने की व्यवस्था की गयी है. पहले तल्ले पर पर बर्थ यूनिट तैयार किया गया है, जहां पर प्रसव के बाद नवजात शिशु के रखने की व्यवस्था है. पोस्ट ऑपरेटिव और प्री-लेबर वार्ड बनाये गये हैं. पहले तल्ले पर ही आउटबॉर्न नर्सरी है. यहां बाहर से आये बच्चों का इलाज होगा. इसके अलावा इसी तल्ले पर प्री-मैच्योर नर्सरी, रेडिएंट वार्मर नर्सरी की व्यवस्था होगी. इस तल्ले पर चिकित्सकों के लिए कक्ष बनाया गया है तथा ओटी रूम है. दूसरे तल्ले पर जनरल वार्ड बनाया गया है. तीसरे तल्ले पर ऑपरेशन थियेटर है. इसमें एक आइसीयू है. चौथे तल्ले पर ड्रग कंट्रोल ऑफिस है. स्वास्थ्य विभागों के विभिन्न अधिकारियों के चैंबर होंगे.