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कैैसे खेलेंगे तो आगे बढ़ेंगे बच्चे, दुबे के सरैया गांव का मैदान ही बदहाल

हाटा नगर पंचायत अंतर्गत दुबे के सरैया गांव का खेल मैदान प्रशासन की लापरवाही से अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. प्रशासन के साथ जनप्रतिनिधि भी स्टेडियम निर्माण के लिए आगे नहीं आ रहे हैं.

भभुआ नगर. केंद्र सरकार ने खेलो इंडिया के तहत ग्रामीण व सुदूर क्षेत्रों में बच्चों के खेल को बढ़ावा देने के लिए स्टेडियम का निर्माण कराने का निर्देश दिया गया है, इतना ही नहीं राज्य सरकार भी जिले में खेल काे बढ़ावा मिले इसके लिए प्रत्येक प्रखंडों में स्टेडियम निर्माण कराने का प्रावधान किया है. सरकार स्तर से सभी प्रखंडों में स्टेडियम निर्माण कराने के लिए अंचलाधिकारी से क्रीड़ा स्थल व स्टेडियम निर्माण के लिए जमीन चिह्नित कर मापी कराकर कागजात की मांग बीते एक वर्ष पहले की गयी है, लेकिन सरकार स्तर से आदेश होने के बाद भी हाटा नगर पंचायत अंतर्गत दुबे के सरैया गांव का खेल मैदान प्रशासन की लापरवाही से अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. प्रशासन के साथ जनप्रतिनिधि भी स्टेडियम निर्माण के लिए आगे नहीं आ रहे हैं. नगर पंचायत वासियों द्वारा स्टेडियम निर्माण के लिए चैनपुर के पूर्व विधायक सह पूर्व खनन मंत्री बृजकिशोर बिंद व चैनपुर के विधायक सह अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मो जमा खां व पूर्व सांसद छेदी पासवान से गुहार लगा चुके हैं, लेकिन किसी भी जनप्रतिनिधि द्वारा स्टेडियम निर्माण के लिए पहल नहीं की, जिसके कारण स्टेडियम बदहाल बना हुआ है. ग्रामीणों का कहना है कि प्रत्येक साल खेल मैदान पर फुटबॉल टूर्नामेंट का आयोजन किया जाता है. फुटबॉल टूर्नामेंट का उद्घाटन करने मंत्री, विधायक व स्थानीय जनप्रतिनिधि के साथ अधिकारी भी आते हैं और उद्घाटन के दौरान खेल मैदान के लिए स्टेडियम का निर्माण कराने के लिए आश्वासन भी देते हैं, लेकिन जाने के बाद भूल जाते हैं. = 2016 में खेल मैदान की करायी गयी थी मापी ग्रामीण जयप्रकाश सिंह, रोहित सिंह, मनोज सिंह द्वारा बताया गया कि 2016 में अंचलाधिकारी द्वारा खेल मैदान की मापी करायी गयी थी. अंचलाधिकारी द्वारा खेल मैदान की मापी कराये जाने से ग्रामीणों में आस जागी थी की अब जल्द ही स्टेडियम का निर्माण सरकार स्तर से कराया जायेगा, लेकिन मापी हुए भी कई साल बीत गये, लेकिन अभी तक खेल मैदान पर कोई निर्माण का कार्य नहीं हुआ. = चहारदीवारी नहीं होने से दौड़ते आवारा पशु खेल मैदान पर स्थानीय मनरेगा योजना से मिट्टी की भराई का कार्य किया गया है, वहीं जल जीवन हरियाली मिशन के तहत खेल मैदान के चारों तरफ पौधे भी लगाये गये हैं. इसके साथ ही स्वच्छता मिशन से शौचालय निर्माण का भी कार्य कराया गया है, लेकिन खेल मैदान की बाउंड्रीवाॅल नहीं रहने के कारण खेल मैदान बदहाल बना हुआ है. आवारा पशु दिन-रात खेल मैदान पर दौड़ते रहते हैं. इसके कारण बरसात के दिनों में गड्ढे उभर जाते हैं, जिससे गड्ढे में बच्चों का खेलना मुश्किल हो जाता है और कई बार खिलाड़ी घायल भी हो जाते हैं. दर्जनों गांव के बच्चे पहुंचते हैं प्रैक्टिस करने हाटा नगर पंचायत के दूबे के सरैया गांव के खेल मैदान पर गांव के बच्चे ही नहीं दर्जनों दूरदराज के अन्य गांवों के बच्चे भी खेलने के लिए पहुंचते हैं. इतना ही नहीं प्रत्येक साल खेल मैदान पर फुटबॉल व क्रिकेट टूर्नामेंट का भी आयोजन किया जाता है. टूर्नामेंट में जिले के ही नहीं राज्य के अन्य जिलों सहित उत्तर प्रदेश के भी खिलाड़ी इस मैदान पर खेलने के लिए पहुंचते हैं. चुनाव में भी खेल मैदान बना था स्थानीय मुद्दा गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में दुबे के सरैया गांव का खेल मैदान स्थानीय मुद्दा बना था. खिलाड़ियों ने खेल मैदान का निर्माण तो नहीं वोट नहीं सहित कई नारे लगाते हुए जनप्रतिनिधि व अधिकारियों से खेल मैदान के निर्माण के लिए गुहार लगाये थे. हालांकि, पदाधिकारी के आश्वासन के बाद कि खेल मैदान का निर्माण कराया जायेगा खिलाड़ी मान गये थे, लेकिन चुनाव के बाद एक बार फिर अधिकारी भी मौन हो गये हैं. = क्या कहते हैं खिलाड़ी — फुटबॉल खिलाड़ी संतोष यादव ने कहा कि बदहाल बने खेल मैदान को स्टेडियम निर्माण के लिए मंत्री से लेकर जिला पदाधिकारी व स्थानीय जनप्रतिनिधि से गुहार हम सब खिलाड़ी लगा चुके हैं, लेकिन सभी लोगों से केवल आश्वासन मिलते रहा ,लेकिन स्टेडियम निर्माण के लिए अभी तक कोई आगे नहीं आये. = खिलाड़ी जगत मौर्य ने कहा कि खिलाड़ी आपसी सहयोग से मैदान को बनाते हैं, लेकिन बरसात के दिनों में खेल मैदान की बाउंड्री नहीं रहने के चलते आवारा पशुओं के साथ-साथ गांव के भी पशुओं का खेल मैदान चरागाह बन जाता है. खेल मैदान पशुओं के चरागाह रहने से गड्ढे उभर जाते हैं, जिसके चलते खेलते समय खिलाड़ी घायल हो जाते हैं. = खिलाड़ी गुप्तेश्वर चौबे ने कहा कि जिला प्रशासन अगर खेल मैदान पर थोड़ा भी ध्यान दे देता, तो खेल मैदान की बाउंड्री के साथ-साथ पेवेलियन का निर्माण हो जाता है. खेल मैदान पर प्रति दिन आधा दर्जन से अधिक गांव के बच्चे प्रैक्टिस करने के लिए आते हैं. लेकिन, खेल मैदान बरसात के दिनों में व गर्मी के दिनों में धूल उड़ने के चलते बदहाल हो जाता है. =क्या कहते हैं नगर अध्यक्ष इस संबंध में पूछे जाने पर नगर पंचायत अध्यक्ष रमेश जायसवाल ने कहा कि खेल मैदान के लिए अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री द्वारा सह चैनपुर विधायक द्वारा प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है. अंचलाधिकारी द्वारा एनओसी भी दी गयी है, जल्द स्टेडियम निर्माण का कार्य प्रारंभ होगा.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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