बनवासी विकास आश्रम के तत्वावधान में आयोजित शिविर में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बगोदर और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सरिया के चिकित्सक व चिकित्सा कर्मियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी. बनवासी विकास आश्रम के सचिव सुरेश कुमार शक्ति व कार्यक्रम समन्वयक उत्तम कुमार ने बताया कि विलुप्तप्राय आदिम जनजाति बिरहोर हाशिये पर खड़ी एक जनजाति समुदाय है. इसका संवर्धन और विकास आवश्यक है.कहा कि बिरहोर जन जीवन में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता का अभाव है. अन्य समुदायों की अपेक्षाकृत मातृ व शिशु मृत्यु दर इनमें अधिक है. स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ गैर सरकारी संगठन बनवासी विकास आश्रम बिरहोर समुदाय की स्थिति में सुधार लाने के लिए प्रयास कर रही है. शिविर में विशेषज्ञ डॉ शहंशाह अहमद व डॉ सिराज अंसारी ने लोगों के स्वास्थ्य की जांच की. टीम में एएनएम सुनीता देवी, वर्षा कुमारी, सुमन कुमारी, कुमारी सरविल, प्रदीप कुमार, लैब टेक्नीशियन संतोष कुमार, गौतम कुमार, सहिया द्रौपदी देवी, सेविका गूंजा देवी, मंजू देवी, पोषण सखी रीना देवी आदि का महत्वपूर्ण योगदान रहा. कालापत्थर बिरहोर टंडा के 30 लोगों का नि:शुल्क स्वास्थ्य परीक्षण किया और उन्हें उचित परामर्श दिया गया. इसमें सामान्य स्वास्थ्य जांच, ब्लड प्रेशर, शुगर लेवल, बच्चों की पोषण जांच, महिलाओं के स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का निदान और दवाइयां वितरित की गयी.
दो गर्भवतियों और एक लकवाग्रस्त पीड़ित की जांच की गयी
शिविर में लकवे (पैरालिसिस) से ग्रसित एक मरीज की भी जांच की गयी. इसके बाद उसे वेहतर इलाज के लिए रेफर किया गया. विशेषज्ञ डॉक्टरों ने मरीजों को स्वास्थ्य सलाह दी और जरूरतमंदों को दवाइयां भी वितरित की. शिविर में सामुदायिक कार्यकर्ता कृष्णा हेंब्रम, उदय सोनी, रवि कुमार पासवान की भूमिका सराहनीय रही.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है