17.9 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Manmohan Singh: 33 साल बिना चुनाव लड़े सांसद रहे थे मनमोहन सिंह, माने जाते थे आर्थिक सुधारों के सूत्रधार

Manmohan Singh: देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अपने 33 साल के सियासी करियर में सिर्फ एक बार आम चुनाव लड़ा था. 33 सालों तक राज्यसभा के सदस्य के रूप में उन्होंने अपनी सेवाएं दी हैं. वो कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठतम और सबसे अनुभवी नेताओं में से एक थे.

Manmohan Singh: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का गुरुवार रात निधन हो गया. बीते काफी समय से वो बीमार चल रहे थे. गुरुवार को उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई जिसके बाद उन्हें दिल्ली स्थित एम्स के आपातकाल सेवा में भर्ती कराया गया. डॉक्टरों के काफी प्रयास के बाद भी उन्हें नहीं बचाया जा सका. पूर्व पीएम उम्र संबंधी बीमारियों से ग्रस्त थे. मनमोहन सिंह भारत के दो बार प्रधानमंत्री रहे थे. मनमोहन सिंह 33 सालों तक राज्यसभा के सदस्य के रूप में अपनी सेवाएं दी हैं. वो कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठतम और सबसे अनुभवी नेताओं में से एक थे. 2004 से 2014 तक वह यूपीए सरकार में देश के प्रधानमंत्री रहे. मनमोहन सिंह एक प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री, शिक्षाविद और नौकरशाह भी थे. इसके अलावा, 1991 से 1996 तक उन्होंने नरसिम्हा राव की सरकार में वित्त मंत्री के रूप में कार्य किया था.

आर्थिक सुधारों के सूत्रधार माने जाते थे मनमोहन सिंह

मनमोहन सिंह आर्थिक सुधारों के सूत्रधार माने जाने वाले 92 वर्षीय मनमोहन सिंह 1991 से 2024 तक राज्यसभा के सदस्य रहे. मनमोहन सिंह 1991 में पहली बार राज्यसभा के लिए चुने गए थे. इसके बाद 1995, 2001, 2007 और 2013 में वह फिर चुने गये. 1998 से 2004 तक केंद्र में भाजपा की सरकार थी, तब मनमोहन सिंह राज्यसभा में विपक्ष के नेता थे. मनमोहन सिंह ने लोकसभा चुनाव में भी किस्मत आजमाई थी. हालांकि वह जीतने में सफल नहीं रहे थे. 1999 में कांग्रेस ने उन्हें दक्षिणी दिल्ली से प्रत्याशी बनाया था. भाजपा के विजय कुमार मल्होत्रा के हाथों उन्हें शिकस्त झेलनी पड़ी थी. उस चुनाव में विजय कुमार मल्होत्रा को 2 लाख 61 हजार 230 वोट मिले थे तो मनमोहन सिंह को 2 लाख 31 हजार 231 वोट मिले थे. तीसरे नंबर पर निर्दलीय मोहम्मद शरीफ थे.1971 में वाणिज्य मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार बने.

कई बड़े पदों पर रह चुके थे मनमोहन सिंह

1971 में मनमोहन सिंह भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार के रूप में शामिल हुए. इसके तुरंत बाद 1972 में वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार के रूप में उनकी नियुक्ति हुई. डॉ मनमोहन सिंह कई सरकारी पदों पर रहे. इनमें वित्त मंत्रालय में सचिव भी शामिल है. वह योजना आयोग के उपाध्यक्ष भी रहे. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर भी रहे. यही नहीं वह प्रधानमंत्री के सलाहकार और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष भी रहे. डॉ मनमोहन सिंह ने 1991 से 1996 के बीच भारत के वित्त मंत्री के रूप में पांच साल बिताये. आर्थिक सुधारों की एक व्यापक नीति शुरू करने में उनकी भूमिका को दुनिया आज भी सलाम करती है.

पूर्व पीएम मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी, पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी सहित कई प्रमुख नेताओं तथा अन्य हस्तियों ने शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को उनके आवास पर श्रद्धांजलि अर्पित की. तिरंगे में लिपटे पूर्व प्रधानमंत्री के पार्थिव शरीर को उनके आवास पर फूलों से सजे ताबूत में रखा गया है. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार शनिवार को किया जाएगा.कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने बताया कि सिंह का पार्थिव शरीर शनिवार सुबह पार्टी मुख्यालय में लोगों के अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा और फिर वहीं से सुबह साढ़े नौ बजे उनकी अंतिम यात्रा भी शुरू होगी.

Also Read: Manmohan Singh Funeral: कब होगा मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार? जानें क्या है प्रोटोकॉल 

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें