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वर्षांत@2024: सड़क के मामले में कटिहार के लिए यादगार रहा है 2024

वर्षांत@2024: सड़क के मामले में कटिहार के लिए यादगार रहा है 2024

– जिले को पहला फोरलेन सड़क का मिला था सौगात कटिहार चालू वर्ष 2024 अब अंतिम पड़ाव की ओर अग्रसर है. तीन दिन बाद 2025 प्रवेश कर जायेगा. अब लोग नये वर्ष के स्वागत की तैयारी में जुट गये है. नये वर्ष में कटिहार जिले को भी तोहफा मिलेगी. ऐसी उम्मीद है. पर 2024 में कटिहार वासियों तोहफा मिला था, जो हमेशा याद रहेगा. जिले के मनिहारी अनुमंडल अंतर्गत नारायणपुर से बाईपास कटिहार होते हुए पूर्णिया तक जाने के लिए फोरलेन सड़क का सौगात कटिहार को मिला था. इस सड़क का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है. मार्च 2024 में इस फोरलेन सड़क आवाजाही के लिए खोल दिया. मनिहारी के नारायणपुर से पूर्णिया तक 49 किमी लंबी सड़क एवं मनिहारी-साहेबगंज के बीच पुल का निर्माण करीब 2288 करोड़़ की लागत से किया गया है. इसमें सिर्फ फोरलेन सड़क का निर्माण 1324.63 करोड़ की लागत थी. पूर्णिया के कटिहार मोड़़ के समीप एनएच 131 ए राष्ट्रीय राजमार्ग 31 से जुड़ गया है. गंगा नदी पर पुल निर्माण होने के बाद झारखंड से गिट्टी, स्टोन चिप्स की ढुलाई में भी लागत कम आयेगी. साथ ही सीमांचल एवं कोसी के इलाके के लोगों को झारखंड तक आवागमन में सुविधा होगी. इस फोरलेन सड़क के बनने से एनएच 31 पर वाहनों का दबाव भी कम हुआ. सीमांचल के 60 लाख से अधिक लोगों को आवागमन में सुविधा मिली है. दलन-उदामा रेखा के बीच बना बाईपास यह सड़क मनिहारी-साहेबगंज के बीच गंगा नदी पर पुल निर्माण के बाद एनएच 131 ए नारायणपुर के समीप पुल से जुड़ेगी. एनएच 131 ए सड़क मार्ग पर दलन के समीप से 14.86 किमी लंबा बाईपास का निर्माण किया गया है. यह बाइपास दलन से उदामारेखा के समीप एनएच 131 ए से मिली है. इस सड़क मार्ग पर दो बड़ा पुल, 15 छोटा पुल, दो फ्लाई ओवर, तीन आरओबी तथा 17 अंडरपास बनाया गया है. यह भी जानकारी मिली है कि दलन से कोलासी तक बाइपास बनाने की योजना का क्रियान्वयन भी अंतिम पड़ाव पर है. कोलासी तक बाइपास बनने से एनएच 131 ए का एनएच 81 से सड़क संपर्क हो जायेगा. यह सड़क मार्ग अमदाबाद प्रखंड में महानंदा नदी पर बने नवनिर्मित पुल से भी जुड़ रही है. सड़क मार्ग के निर्माण से बिहार का बंगाल एवं झारखंड से सीधा सड़क संपर्क हो जायेगा. बढ़ेगी व्यापारिक व सांस्कृतिक महत्व नारायणपुर से पूर्णिया तक बनने वाली यह सड़क राज्य की महत्वपूर्ण परियोजनाओं में शुमार रहा है. यह सड़क बिहार-झारखण्ड के बीच मनिहारी- साहेबगंज में गंगा नदी पर पुल निर्माण के बाद राज्य के सीमांचल व कोसी क्षेत्र को झारखंड से जोड़ेगा. गंगा नदी पर पुल बनने के बाद बिहार का सीधा सड़क संपर्क झारखंड से हो जायेगा. झारखंड से स्टोन, गिट्टी एवं बोल्डर सहित अन्य निर्माण सामग्री की ढुलाई में भी सुविधा होगी. व्यापारिक एवं सामरिक दृष्टि से भी गंगा नदी पर पुल व एनएच 131 ए का निर्माण महत्वपूर्ण साबित होगा. साथ ही कटिहार जिले में अमदाबाद के पास महानन्दा पर निर्मित पुल से होकर मालदा (पश्चिम बंगाल) के साथ सुलभ संपर्क उपलब्ध हो सकेगा. इस पथ के निर्माण से सीमांचल व कोसी के विकास को एक नया आयाम मिलेगा एवं आधारभूत संरचना का विकास होगा. बताया जाता है कि सड़क निर्माण से सहरसा, सुपौल, मधेपुरा, अररिया, पूर्णिया, कटिहार के लोगों को साहेबगंज, पाकुड़ के अलावा पश्चिम बंगाल में फरक्का व आसपास के इलाके में आने-जाने में सहूलियत होगी. इस सड़क के बनने से लगभग सौ किलोमीटर दूरी कम सफर करना पड़ेगा. अभी सहरसा, सुपौल, मधेपुरा, अररिया, पूर्णिया, कटिहार के लोगों को नवगछिया होते हुए साहेबगंज जाना पड़ता है.

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