Rourkela News: खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच और सीबीआइ का ऑफिसर बताकर शहर के अरुण कुमार मंडल से 23 लाख रुपये की ठगी करने के आरोप में पुलिस ने दो शातिरों को राजस्थान से गिरफ्तार किया है. आरोपियों की पहचान मुकेश सैनी और हर्षित सैनी के रूप में हुई है. मुकेश और हर्षित जयपुर के निवासी हैं. पुलिस आगे की जांच कर रही है. शातिरों के बारे में जानकारी साझा करते हुए राउरकेला एसपी नीतेश वाधवानी ने मीडिया को बताया कि वारदात 30 अगस्त, 2024 को हुई थी. पुलिस के पास 26 नवंबर, 2024 को शिकायत दर्ज करायी गयी थी. पुलिस इस मामले में लगातार तफ्तीश कर रही थी और अंत में शातिरों तक पहुंचने में सफल रही.
नशीला पदार्थ चीन भेजने की बात कहकर झांसे में लिया
शातिरों ने शहर के अरुण मंडल को फोन कर कहा कि उनके नाम से एक पार्सल मुंबई से चीन भेजा गया था. पार्सल भेजने के लिए अरुण के आधार कार्ड नंबर का इस्तेमाल हुआ है. यह पार्सल वापस लौट आया है और इसमें नशीला पदार्थ है. अरुण ने कॉलर को बताया कि उसने कोई पार्सल नहीं भेजा है. अरुण को लगा कि उनके दस्तावेजों का किसी ने गलत इस्तेमाल किया है, लिहाजा वे पुलिस थाना जाकर इसकी शिकायत करना चाह रहे थे. लेकिन कॉलर ने उन्हें डराने-धमकाने के लिए कहा कि वह क्राइम ब्रांच से उनकी बात करा रहा है. एक शख्स ने खुद को मोहित हांडा बताया और अपना परिचय मुंबई क्राइम ब्रांच के अधिकारी के रूप में दिया. इसके बाद शातिरों ने स्काइप पर भी अरुण से बात की और उन्हें यकीन दिलाने में सफल रहे कि वे पुलिस वाले हैं.दो किश्त में 23 लाख रुपये का किया भुगतान
अरुण ने शातिरों के झांसे में आकर एक बार 20 लाख रुपये तथा दूसरी बार तीन लाख रुपये (कुल 23 लाख रुपये) की रकम भेजी. शातिरों ने अरुण को धमकी दी थी कि मामले में वे उसे और उसके बेटे की फजीहत करा सकते हैं. जिससे अरुण डर गया था.राजस्थान में रहकर दोनों को दबोचा, गिरोह में हैं 10 से अधिक लोग
पीड़ित को जब समझ आया कि वह ठगी का शिकार हो गया है, तो उन्होंने इसकी शिकायत पुलिस से की. जिसके बाद पुलिस ने मामले की तफ्तीश शुरू की. इसके लिए दो अधिकारी आदित्य नारायण बेहेरा और ओम प्रकाश राउतराय ने राजस्थान में रहकर जांच की और दोनों को गिरफ्तार कर राजस्थान की अदालत में पेश करने के बाद राउरकेला लेकर आये. टीम में राजेश कुमार प्रधान, अशोक किसान और सत्यजीत साहू शामिल थे. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, ठगी के इस काम में 10 से अधिक लोग शामिल हैं, जो संगठित गिरोह बनाकर इस तरह की वारदात को अंजाम दे रहे हैं. दो शातिरों को तो पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. बाकी की पहचान भी कर ली गयी है, जिनकी गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं.पुलिस ने आम लोगों के लिए जारी किया संदेश
1. बीएनएसएस के अनुसार अपने अधिकारों को जानें. डिजिटल अरेस्ट जैसा कुछ नहीं होता.2. ऐसी किसी भी कॉल/आपात स्थिति में साइबर पीएस/स्थानीय पीएस/1930/112 से संपर्क करें.
3. किसी भी कॉलर को अपने बारे में, परिवार के बारे में, बैंकिंग विवरण आदि की व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें.4. यदि कोई व्यक्ति खुद को पुलिस अधिकारी बताये, तो इसकी पूरी मालूमात कर लें, परिचय पत्र मांगे.
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