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कक्षा एक से लागू होगी सेमेस्टर प्रणाली

राज्य प्राथमिक शिक्षा पर्षद ने प्राइमरी स्तर से ही शिक्षा की गुणवत्ता को और बेहतर करने के लिए शिक्षा प्रणाली में अभूतपूर्व बदलाव किया है.

प्राथमिक स्कूलों की शिक्षा प्रणाली में हुआ अभूतपूर्व बदलाव, वर्ष 2025 से शुरू होगा नया सिस्टम

संवाददाता, कोलकाताराज्य प्राथमिक शिक्षा पर्षद ने प्राइमरी स्तर से ही शिक्षा की गुणवत्ता को और बेहतर करने के लिए शिक्षा प्रणाली में अभूतपूर्व बदलाव किया है. पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा पर्षद के अध्यक्ष गौतम पाल ने शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए बताया कि जल्द ही स्कूलों में प्राथमिक स्तर से ही सेमेस्टर प्रणाली शुरू की जायेगी. 2025 के शैक्षणिक वर्ष से कक्षा एक से ही सेमेस्टर सिस्टम के तहत परीक्षा आयोजित की जायेगी. गौतम पाल ने कहा कि राज्य के छात्रों को कम उम्र से ही अखिल भारतीय स्तर पर प्रतियोगिता की तैयारी कराने के लिए यह निर्णय लिया जा रहा है. उन्होंने शुक्रवार को संवाददाताओं से कहा कि नयी प्रणाली शैक्षणिक वर्ष 2025 से शुरू की जायेगी. गौतम पाल ने बताया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी व शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु की मंजूरी मिलने के बाद ही इस नये सिस्टम को लागू करने की घोषणा की जा रही है. 2026 से नया सिलेबस लागू होगा. पहली परीक्षा जून में प्राथमिक शिक्षा पर्षद की घोषणा के अनुसार, 2025 के शैक्षणिक वर्ष से कक्षा एक से पांच तक सेमेस्टर प्रणाली में परीक्षा आयोजित की जायेगी. पहली परीक्षा जून में होगी. प्रत्येक कक्षा में दो बार परीक्षा आयोजित होगी. पर्षद के अध्यक्ष ने बताया कि प्राथमिक स्तर से ही पाठ्यक्रम संरचना में बदलाव किया जा रहा है. एक शैक्षणिक वर्ष को दो भागों में बांटा गया है. पहला एक जनवरी से जून तक और दूसरा भाग जुलाई से दिसंबर तक होगा. राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के आधार पर पाठ्यक्रम की एक रूपरेखा विकसित की है. उन्होंने बताया कि पूरे राज्य में परीक्षा में एक ही प्रश्न पत्र तैयार किया जायेगा, जिसे पर्षद द्वारा निर्धारित किया जायेगा. इसके साथ ही मार्क्सशीट में अंकों के साथ क्रेडिट प्वाइंट भी दिये जायेंगे. पर्षद ने यह भी कहा है कि राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा करते समय ये क्रेडिट प्वाइंट स्वीकार किये जायेंगे.

प्रत्येक विषय के लिए 100 अंकों की होगी परीक्षा

2009 के शिक्षा का अधिकार अधिनियम में कक्षा पांच से आठ तक ””नो डिटेंशन”” नीति है. प्री-प्राइमरी श्रेणी को इस ढांचे में नहीं लाया जा सकेगा. पूरे शैक्षणिक वर्ष में पहली से दूसरी कक्षा तक 800 घंटे की उपस्थिति होनी चाहिए. इसी प्रकार से तीसरी से पांचवीं कक्षा तक पूरे शैक्षणिक वर्ष में 1000 घंटे की उपस्थिति होने चाहिए. प्रत्येक सेमेस्टर में प्रत्येक विषय की 100 नंबर की परीक्षा होगी. प्रथम सेमेस्टर में 40 व दूसरे सेमेस्टर में 60 अंकों की परीक्षा होगी.

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