लगभग 6 माह से लंबित है संकल्प 10 हजार पर कार्यरत कर्मियों का मानदेय
मुंगेर. नये साल में मुंगेर विश्वविद्यालय के कंधों पर जहां कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां होगी. वहीं नये साल में आउटसोर्सिंग कर्मियों की हड़ताल विश्वविद्यालय की परेशानी बढ़ायेगा. जबकि विश्वविद्यालय में कार्यरत संकल्प 10 हजार पर नियुक्त कर्मियों का भी लगभग 6 माह से लंबित मानदेय का भुगतान नहीं हुआ है.आउटसोर्सिंग कर्मियों की हड़ताल बढ़ायेगा परेशानी
एमयू में एलाइट फैल्कॉन के तहत कार्यरत लगभग 70 आउटसोर्सिंग कर्मी अपने तीन माह के बकाये मानदेय को लेकर एजेंसी के विरुद्ध अवकाश से पहले ही हड़ताल पर हैं. वहीं नये साल में विश्वविद्यालय खुलने के बाद दोबारा आउटसोर्सिंग कर्मियों की हड़ताल जारी रहेगी. ऐसे में जिम्मेदारियों के बोझ के बीच एमयू के लिये नये साल में कार्यों का निष्पादन काफी मुश्किल भरा होगा, क्योंकि एमयू के अधिकांश कार्यालय आउटसोर्सिंग कर्मियों के भरोसे चल रहा है. जबकि विश्वविद्यालय का सबसे महत्वपूर्ण परीक्षा विभाग में भी नियमित की जगह आउटसोर्सिंग कर्मी ही कार्यरत हैं. विदित हो कि विश्वविद्यालय द्वारा दीपावली के पूर्व एजेंसी को 7 माह के मानदेय के रूप में लगभग 1.15 करोड़ रुपये दिया गया. जिसमें एजेंसी द्वारा कर्मियों को मात्र 4 माह का ही मानदेय दिया गया. शेष तीन माह के बकाये मानदेय को लेकर आउटसोर्सिंग कर्मी अवकाश के पूर्व ही हड़ताल पर चले गये हैं.संकल्प 10 हजार कर्मियों का भी लंबित है 6 माह का मानदेय
एमयू द्वारा साल 2024 में ही संकल्प 10 हजार के तहत 12 कर्मियों की नियुक्ति की गयी. हालांकि सीनेट की बैठक में नियुक्ति प्रक्रिया अनुमोदित नहीं होने के कारण अबतक विश्वविद्यालय इन 12 कर्मियों का मानदेय तक निर्धारित नहीं कर पाया है. ऐसे में विश्वविद्यालय द्वारा कर्मियों को वैकल्पिक रूप से मानदेय निर्धारित किया गया है. वहीं दीपावली के पूर्व संकल्प 10 हजार कर्मियों को विश्वविद्यालय द्वारा चार माह का मानदेय दिया गया, लेकिन अब 6 माह का मानदेय लंबित है. ऐसे में नये साल में विश्वविद्यालय के लिये संकल्प 10 हजार कर्मियों के मानदेय का भुगतान भी बड़ी चुनौती होगी.इस साल भी नहीं हो पाया 3.70 करोड़ के एडवांस का समायोजन
मुंगेर. एमयू प्रशासन इस साल भी अपने संबद्ध कॉलेज, अधिकारी, शिक्षक और कर्मियों के पास लगभग 3.70 करोड़ रुपये एडवांस राशि का समायोजन नहीं कर पाया. यह हाल तब है, जब जून माह में ही कैग की टीम द्वारा ऑडिट के दौरान आपत्ति दर्ज करते हुए जल्द से जल्द एडवांस समायोजन करने को कहा गया था. जबकि खुद प्रभारी कुलपति प्रो. संजय कुमार चौधरी द्वारा एडवांस समायोजन के लिये कमिटी बनाकर इसे जल्द सुनिश्चित करने का निर्देश दिया, लेकिन एमयू अबतक अपने संबद्ध कॉलेज, अधिकारी, शिक्षक और कर्मियों के पास पड़े लगभग 3.70 करोड़ रूपये एडवांस राशि का समायोजन नहीं कर पाया है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है