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बांकुड़ा के उत्तर में हाथी और दक्षिण में बाघिन का खौफ

दूसरी ओर, पुरुलिया के रायका पहाड़ क्षेत्र से बाघिन जमुना बांकुड़ा के दक्षिण के जंगल में आ गयी है.

बांकुड़ा. जिले के उत्तर वन प्रभाग के बरजोड़ा जंगल में 62 हाथियों का झुंड और दक्षिण में बाघ लोगों के लिए खौफ का सबब बने हुए हैं. बरजोड़ा के जंगल से हाथियों का झुंड जब तब भटक कर घनी बस्तीवाले गांवों में चला जाता है और जम कर उत्पात मचाता है. दूसरी ओर, पुरुलिया के रायका पहाड़ क्षेत्र से बाघिन जमुना बांकुड़ा के दक्षिण के जंगल में आ गयी है. कुल मिला कर बांकुड़ा में लोग आतंक के साये में जी रहे हैं. जिले के उत्तर से लेकर दक्षिण तक लोग अपने घरों में नजरबंद रहने को मजबूर हैं. बांकुड़ा के लोग रॉयल बंगाल जमुना और 62 हाथियों के डर से सो नहीं पा रहे हैं. पिछले एक सप्ताह से, जमुना पुरुलिया में वन विभाग से आंख-मिचौली करती रही. अब उसके पंजों के निशान जिले के दक्षिण के जंगल में देखे गये हैं. दक्षिण में बाघिन की पदचाप और दलमा हाथियों का झुंड बांकुड़ा वन विभाग के अधिकारियों के लिए चुनौती बन गये हैं. वन विभाग से जुड़े सूत्रों की मानें, तो पुरुलिया का रायका पहाड़ क्षेत्र छोड़ कर बाघिन जमुना बांकुड़ा के मुकुटमणिपुर के पास रानीबांध जंगल में भोजन की तलाश में घूम रही है. पर्यटन सीजन के दौरान पूरे मुकुटमणिपुर में यात्रियों के बीच दहशत है. दूसरी ओर, भले ही खेत से धान बिना किसी परेशानी के खेत से घर ले जाया जा चुका है, किंतु फिलहाल दलमा हाथियों का झुंड बरजोड़ा के पबाया जंगल में डटा है. बरजोड़ा बेलियातोड़ रेंज के किसानों का सवाल है कि वे अपने खेत के धान व शीतकालीन सब्जियों व आलू सरसों के खेतों को हाथियों के हमले से कैसे बचायें. जिले के दोनों छोर पर अब फसलों की सुरक्षा से ज्यादा जान बचाने की फिक्र है. ध्यान रहे कि दक्षिण बंगाल के बांकुड़ा, पुरुलिया व झाड़ग्राम वन्यजीवों के विचरण की सीमा हैं. बार-बार वनकर्मियों को परेशान करने के बाद ओड़िशा के सिमलीपाल से भागी बाघिन जमुना के पुरुलिया से अब बांकुड़ा की ओर भाग आने के बाद यहां क्या होगा, इसका डर लोगो को सता रहा है. इलाके के लोग सुबह से लेकर शाम तक घर से नहीं निकल पा रहे हैं. इसे लेकर राज्य वन विभाग को भाजपा घेर रही है. बरजोड़ा के भाजपा नेता सोमनाथ कर का आरोप है कि वामपंथियों ने हाथियों के मुद्दे पर सकारात्मक कदम नहीं उठाया. मौजूदा सरकार हाथी खदेड़ने के नाम पर नेताओं की जेबें भर रही है. हाथियों की समस्या को लेकर सक्रिय संग्रामी गणमंच की भी यही शिकायत है. उसके जिला सचिव शुभ्रांशु मुखर्जी ने कहा, “हाथियों के उत्पीड़न के कारण हमारी पीठ दीवार से सटी है.”””” सरकार के पास हाथियों की चुनौती से निबटने की इच्छाशक्ति नहीं है. उधर, बरजोड़ा के विधायक आलोक मुखर्जी ने कहा, “वन विभाग को जंगल में हाथियों को भोजन के साथ पकड़ने को कहा गया है. हुल्ला पार्टी के साथ हाथियों को खदेड़ने की कोशिश भी समय-समय पर होती है.”

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