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प्रसून पर लगे आरोपों की नहीं मिले सबूत

आरजी कर कांड के बाद कलकत्ता नेशनल मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के डाटा एंट्री ऑपरेटर प्रसून चट्टोपाध्याय का भी नाम सामने आया था.

स्कूलों में थ्रेट कल्चर फैलाने का भी है आरोप

संवाददाता, कोलकाता

आरजी कर कांड के बाद कलकत्ता नेशनल मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के डाटा एंट्री ऑपरेटर प्रसून चट्टोपाध्याय का भी नाम सामने आया था. प्रसून को आरजी कर के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष का करीबी भी बताया गया था. उसके खिलाफ कई अन्य आरोप भी लगे थे. जूनियर डॉक्टरों के एक संगठन जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट की ओर से भी प्रसून चट्टोपाध्याय को संदीप घोष का करीबी बताया गया था. संदीप घोष ही उन्हें नेशनल मेडिकल कॉलेज से आरजी कर मेडिकल कॉलेज ले आया था, जहां व पार्ट टाइम के तौर पर कार्य करता था. इस प्रसून चट्टोपाध्याय पर मेडिकल कॉलेजों में थ्रेट कल्चर फैलाने का भी आरोप है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने एक जांच कमेटी गठित की थी. हालांकि, स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, जांच में जूनियर डॉक्टरों के समूह द्वारा लगाये गये आरोप का सबूत नहीं मिला है.

स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के मुताबिक, जांच कमेटी की शिकायत पर गौर करने के बाद प्रसून जल्द ही दोबारा अपनी ड्यूटी कर सकता है. लेकिन उस पर नजर रखने का भी निर्देश दिया गया है. इस मामले से एसोसिएशन ऑफ हेल्थ सर्विस डॉक्टर्स काफी नाराज हैं. संस्था की ओर से डाॅ उत्पल बनर्जी ने कहा कि प्रसून कई तरह के आरोप लगे थे. इस वजह से उसे कॉलेज में प्रवेश करने से रोक दिया गया था. एक जांच कमेटी बनायी गयी है. हमें यह भी नहीं पता कि उस समिति में कौन था. अब सुन रहा हूं कि कमेटी जांच कह रही है कि किसी भी आरोप में सच्चाई नहीं है. किसकी जांच हुई, यह निर्णय कैसे हुआ, यह अस्पष्ट नहीं है.

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