मधुपुर. शहर समेत ग्रामीण इलाकों में नववर्ष मनाये जाने के लिए सभी पर्यटक स्थल व मंदिरों में पूजा-आराधना के लिए बड़ी संख्या में लोगों का जुटान होगा. प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत बुढ़ैई स्थित पहाड़ में पूजा-पाठ व पिकनिक के लिए मनोरम स्थल है. यहां पहाड़-पर्वत की शृंखला और पहाड़ से सटकर पतरो नदी सैलानियों को बरबस अपनी ओर आकर्षित करते हैं. मधुपुर समेत अन्य जगहों से लोग नये साल में पिकनिक मनाने आते हैं. साथ ही नववर्ष पर बुढ़ैश्वरी माता पूजा-अर्चना कर श्रद्धालु अपनी मनोकामना मांगते हैं. इसके अलावा मधुपुर से सात किलोमीटर दूर पाथरोल काली मंदिर में भी नववर्ष पर महिला-पुरुष श्रद्धालु माता के पूजन व दर्शन के लिए आते हैं. नये साल के आगमन होते ही सुबह से ही माता के दर्शन के लिए मधुपुर, सारठ, देवघर, करौं, जामताड़ा आदि जगहों से लोग आते हैं. नववर्ष पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु अपनी मनोकामना मां से मांगते हैं. प्रखंड क्षेत्र के नारायणपुर स्थित सलैया गांव में बकुलिया झरना लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र है. प्रकृति झरना के लिए जिले में विशेष स्थान बना लिया है. पर्यटन विभाग के द्वारा झरना को विकसित करने के लिए लाखों की लागत से काम कराये गये. झरने तक पहुंचने व लोगों के बैठने के लिए कार्य किया गया है. वहीं, शौचालय समेत अन्य सुविधा उपलब्ध कराया गया है. धीरे-धीरे यह झरना पिकनिक व पर्यटन के क्षेत्र में लोगों का पसंद बनता जा रहा है. वहीं, प्रखंड क्षेत्र के लोहराजोर पतरो नदी घाट पर स्थित बुढ़ी बगीचा का जंगल व नदी सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करता है. नये साल में बड़ी संख्या में लोग उक्त स्थल पर अपने परिवार के साथ पहुंच कर पिकनिक मनाते है. ————- मधुपुर के पहाड़ व नदियां सैलानियों को करती है आकर्षित सारठ, देवघर, करौं, जामताड़ा से पूजन दर्शन के लिए पहुंचते हैं पाथरोल काली मंदिर मधुपुर के पिकनिक स्थलों में आने लगे सैलानी
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