Madhubani News. मधुबनी. बेनीपट्टी थाना क्षेत्र में दहेज के लिए नेमत खातून की हत्या मामले को लेकर अपर जिला एवं सत्र न्यायालय पंचम के न्यायाधीश संकाश चन्द्रा के न्यायालय में शुक्रवार को सजा के बिंदु पर सुनवाई हुई. न्यायालय ने दोनों पक्षों के बहस सुनने के बाद आरोपी बेनीपट्टी थाना क्षेत्र के गॉगुली शाहीपट्टी निवासी नाज अली को दफा 302 भादवि में आजीवन सश्रम कारावास की सजा सुनायी है. साथ ही न्यायालय ने आरोपी पर 25 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है. जुर्माने की राशि नहीं देने पर एक साल अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. वहीं अन्य दफा 498ए भादवि में 3 वर्ष कारावास व 5 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है. न्यायालय में सरकार की ओर से अपर लोक अभियोजक रामानंद यादव व सूचक अधिवक्ता राम शरण साह ने बहस करते हुए कड़ी से कड़ी सजा देने कि मांग की थी. वहीं बचाव पक्ष से अधिवक्ता लालू प्रधान ने बहस करते हुए कम से कम सजा की मांग की थी. क्या है मामला अपर लोक अभियोजक रामानंद यादव के अनुसार घटना 16 जून 2020 की है. सूचक सीतामढ़ी जिला के नानपुर थाना क्षेत्र के वनौल निवासी मो. शमी की बहन नेमत खातून की शादी 2006 में आरोपी नाज अली के साथ हुई थी. शादी के कुछ सालों के बाद नेमत खातून को आरोपी एक लाख रुपये दहेज में लाने के लिए प्रताड़ित करने लगे. इस बात को लेकर कई बार दोनों परिवारों के बीच पंचायती भी हुई थी. लेकिन आरोपी ने 16 जून 2020 को नेमत खातून को फांसी से लटका कर मार दिया था. ग्रामीणों के सूचना पर जब सूचक अपने बहन के ससुराल पहुंचा तो वहाँ अपनी बहन नेमत खातून का मृत पाया था. घटना को लेकर मृतका के भाई ने आरोपी और उसके परिजन पर दहेज के लिए हत्या का आरोप लगाते हुए बेनीपट्टी थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी थी.
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