BPSC Protest: बीपीएससी पीटी परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर अभ्यर्थी बीते कुछ दिनों से लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. छात्रों के समर्थन में अनशन पर बैठे प्रशांत किशोर को आज सुबह पटना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. बिहार में बीपीएससी परीक्षा को रद्द करने को लेकर राजनीति अब भी गरम है. एक तरफ जहां प्रशांत किशोर जेल से बाहर आने के बाद आंदोलन को जारी रखने की बात कर रहे हैं. वहीं इन सबके बीच महागठबंधन के वरिष्ठ नेताओं एवं माननीय विधायकों का एक शिष्टमंडल महामहिम राज्यपाल से मिलने राजभवन पहुंचा. प्रतिनिधि मंडल ने बीपीएससी परीक्षा की तरफ राज्यपाल का ध्यान आकृष्ट कराते हुए 70वीं बीपीएससी पीटी परीक्षा को रद्द करने की मांग की है.
कांग्रेस का कोई विधायक शामिल नहीं
महागठबंधन के आठ सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल में आठ विधायक शामिल थे. लेकिन, हैरानी की बात यह है कि अभ्यर्थियों के लिए मशाल जुलूस निकालनेवाले कांग्रेस की तरफ से इस प्रतिनिधि मंडल में कोई विधायक शामिल नहीं हुआ. जबकि इससे पहले बीते तीन जनवरी को प्रतिनिधि मंडल पहुंचा था कि उस समय राजद की तरफ से कोई विधायक नहीं था. हालांकि उस दिन राज्यपाल से मुलाकात नहीं हो पाई थी, जिसके बाद राज्यपाल ने आज का समय दिया था.
प्रतिनिधि मंडल में शामिल थे ये विधायक
भाई बीरेंद्र (राजद विधायक)
आलोक मेहता (राजद विधायक)
रणविजय साहू (राजद विधायक)
महबूब आलम (भाकपा माले विधायक)
संदीप सौरभ (भाकपा माले विधायक)
शशि यादव (भाकपा माले एमएलसी)
सत्येंद्र यादव (सीपीएम विधायक)
रामबाबू कुमार (सीपीआई नेता)
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महागठबंधन ने निकाला प्रतिरोध मार्च
बीपीएससी छात्रों के समर्थन में आज महागठबंधन ने पटना सहित पूरे बिहार में प्रतिरोध मार्च निकालने का ऐलान किया था. इस दौरान सभी जिला मुख्यालयों पर महागठबंधन के कार्यकर्ता सरकार का पुतला दहन कर प्रदर्शन किया. इसमें महागठबंधन के युवा एवं छात्र इकाई की भागीदारी रही. मीडिया से बात करते हुए राजद नेता एजाज अहमद ने सरकार पर हमला बोलते हुए बीपीएससी अभ्यर्थियों पर झूठे मुकदमे लिखे जाने का आरोप लगाया था. राजद प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा कि बीपीएससी की परीक्षा में लगातार अनियमितता पाई जा रही है. अभी 70वीं बीपीएससी पीटी परीक्षा फिर से कराने की मांग को लेकर छात्रों का आन्दोलन चल रहा है. उस पर पुलिस की तरफ से दमन रणनीति अपनाई जा रही है. प्रशासन छात्रों को डराने के लिए लगातार उनपर झूठे मुकदमें दर्ज किये जा रही है. पेपर लीक होने की वजह से अभ्यर्थियों का भविष्य अंधकारमय हो रहा है और सरकार के स्तर से इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.