One Nation One Election: आज “एक देश एक चुनाव” पर संसद की संयुक्त समिति की पहली बैठक हुई. इस बैठक में सत्ता पक्ष और विपक्ष के सांसदों ने अपने- अपने विचार रखे हैं. सत्ता पक्ष के सांसदों ने इस बिल को देश की आवश्यकता बताया, जबकि विपक्षी सांसदों ने इसे राज्यों के अधिकारों का हनन करने वाला कानून कहा. बैठक के दौरान, कानून मंत्रालय के अधिकारियों ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की बनाई गई समिति की रिपोर्ट पर चर्चा की और बिल के विभिन्न प्रावधानों की जानकारी दी. इसके बाद, समिति के सदस्यों को 18,000 से अधिक पन्नों वाले दस्तावेजों से भरा एक बड़ा सूटकेस सौंपा गया. इन दस्तावेजों में इस बिल को लाने की वजह और इसके कार्यान्वयन के तरीकों के बारे में जानकारी दी गई थी. आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने इस सूटकेस की एक तस्वीर भी साझा की.
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने पूछा सवाल
इस बैठक में एक महत्वपूर्ण सवाल कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने उठाया है. पहली बार सांसद बनीं और इस समिति का हिस्सा बनी प्रियंका गांधी ने सवाल किया कि अगर देश में सभी चुनाव एक साथ होते हैं, तो सरकार यह स्पष्ट करे कि इससे पैसे की बचत कैसे होगी. इसके अलावा, उन्होंने यह भी पूछा कि क्या ऐसे चुनावों के लिए ईवीएम की पर्याप्त संख्या उपलब्ध होगी?
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बिल का समर्थन करने वाले सांसदों की दलीलें
बिल का समर्थन करने वाले सांसदों ने यह तर्क दिया कि 1967 तक देश में एक साथ चुनाव हो सकते थे, तो अब इस पर आपत्ति क्यों उठाई जा रही है. उन्होंने यह भी कहा कि अगर 1967 तक यह राज्यों के अधिकारों का उल्लंघन नहीं माना गया, तो अब क्यों इसे राज्यों के अधिकारों में हस्तक्षेप वाला कानून कहा जा रहा है. इसके अलावा, कुछ सांसदों ने 1957 के उदाहरण का हवाला दिया, जब 6-7 राज्यों की विधानसभाओं का कार्यकाल समय से पहले भंग कर एक साथ चुनाव कराए गए थे. इस दौरान संविधान सभा के अध्यक्ष, जो उस समय देश के राष्ट्रपति थे, ने इस प्रक्रिया की निगरानी की थी.
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