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ठंड का प्रकोप जारी रहने से बढ़ी परेशानी, सेहत पर असर

दोपहर में धूप छाने के कारण ठंड से थोड़ी देर के लिए राहत मिली.

ठंड का प्रकोप बढ़ा, कंपकंपी ने बढ़ाई परेशानी- उदाकिशुनगंज बीते एक सप्ताह से ठंड का प्रकोप तेजी से बढ़ गया है. लगातार पारे में गिरावट के साथ सर्द हवाओं ने लोगों को अपनी आगोश में ले लिया है. बुधवार की सुबह से ही उदाकिशुनगंज अनुमंडल समेत आसपास के इलाकों में सर्द हवा ने लोगों को कंपकंपा देने वाली ठंड का पुरजोर अहसास कराया. हालांकि दोपहर में धूप तो खिली,लेकिन ठंड पर धूप हावी नहीं हो सकी. दोपहर में धूप छाने के कारण ठंड से थोड़ी देर के लिए राहत मिली. लेकिन दोपहर 4 बजे के बाद से धूप बेअसर हो गई और लोग ठंड से कांपने लगे. हालांकि दिसंबर माह में ठंड का अहसास नहीं होने से आमजन के साथ किसान भी चितित थे. लेकिन जनवरी माह के शुरआत होते ही लगातार तापमान में गिरावट होने से ठिठुरन बढ़ गई है. लगातार मौसम में परिवर्तन होने से रात के साथ साथ दिन के तापमान में भी गिरावट होने से लोगों की परेशानी बढ़ गई है. वही लगातार दिन व रात के तापमान में हो रहे बदलाव के बावजूद प्रखंड क्षेत्र अन्तर्गत पंचायत क्षेत्र के सार्वजनिक स्थानों पर सरकारी स्तर पर अब तक अलाव जलवाना शुरू नहीं हो सका है. -तापमान में गिरावट होने से ठिठुरन बढ़ गई है – उदाकिशुनगंज अनुमंडल में सर्दी का प्रकोप जारी है. सर्दी के मौसम में ठंडक बढ़ने के साथ ही सर्दी-जुकाम चर्म रोगियों की संख्या भी बढ़ने लगी है. बच्चे में निमोनिया या बुखार से ग्रस्त हो रहे हैं. वहीं सर्दी के कारण अस्थमा रोगियों की तकलीफ भी बढ़ रही है. विशेषज्ञ डॉक्टरों ने बताया कि मामूली सावधानी रखने से बड़ी परेशानी से बचा जा सकता है. सर्दी के मौसम में बच्चों के साथ बिलकुल भी लापरवाही नही बरतें. महिलाएं भी शरीर को गर्म कपड़ों से पूरी तरह से ढके रखें. -ठंड का प्रकोप जारी, सावधानी रखें,तकलीफदेह नहीं होगी सर्दी : चिकित्सक डॉ. संतोष कुमार संत ने बताया कि ठंडक बढ़ने के साथ ही दैनिक काम के तरीकों में मामूली बदलाव करते हुए ठंड में घर से बाहर निकलने से बचे. बाहर निकलना जरूरी हो तो गर्म कपड़े,दस्ताने,मफलर आदि पहनकर ही निकलें. गर्म ताजा खाना ही खाएं. आवश्यकता अनुसार गर्म पेय पदार्थों का सेवन करते रहें. ठंडी वस्तुओं ठंडे भोजन से परहेज करें. अस्थमा रोगी सर्दी के दौरान घर से बाहर नहीं निकलें. चिकनाई युक्त खाना नहीं लें. उन्हें अस्थमा की नियमित दवा के मात्रा थोड़ी बढ़ानी भी पड़ सकती है. वे विशेषज्ञ डॉक्टर के संपर्क में रहे. डॉ. पूनम कुमारी ने बताया कि इस मौसम में मां को बच्चों पर विशेष ध्यान रखना चाहिए. तापमान कम होने पर बच्चों को पूरा ढके रखें. नवजात से छह माह तक के बच्चों को मां का दूध अधिक मात्रा में पिलाया जाना चाहिए. बच्चों के पैर सिर ढके रहने चाहिए. बच्चों को ठंडा पानी ठंडे पेय पदार्थों का इस्तेमाल नही करने दें. बच्चों को गुनगुना पानी ही पिलाएं. डॉ. पी आलम ने बताया कि ठंड से नसें सिकुड़ जाती है. खून जमने लगता है. कामकाजी महिलाओं को काम के दौरान गर्म पानी इस्तेमाल करना चाहिए. सुबह-शाम गर्म पानी में नमक डालकर हाथ-पैरों को धोना चाहिए. बच्चों और बड़ों को नारियल तेल की मालिश करने से चमड़ी में रूखेपन से बचा जा सकता है. ठंडे मौसम में शरीर को टच करने वाले सूती कपड़े ऊपर सिंथेटिक कपड़े पहने जा सकते हैं. सर्दी के दौरान ग्लिसरिनयुक्त साबुन ही इस्तेमाल करें. बालों में रूसी फंगल इंफेक्शन के कारण होती है. इसके लिए एंटी डेंड्रफ लोशन का इस्तेमाल करें. -सर्दी-जुकाम अस्थमा रोग के मरीज को परेशानी- डॉक्टर एके मिश्रा ने कहा कि वातावरण में ठंडक बढ़ने पर मानव शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है. इससे वायरल रोग जैसे कि बुखार, जुकाम,खांसी गले में तकलीफ बढ़ जाती है. अस्थमा रोगियों की श्वास नलिकाओं में बलगम के जम जाने से श्वास लेने में तकलीफ होने लगती है. ऐसे रोगियों के फेफड़े कमजोर होने से खांसने में भी परेशानी होती है.

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