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दो दिन की हड़ताल से आठ करोड़ का नुकसान

हाई पावर कमेटी की अनुशंसा को लागू करने की मांग को लेकर दूसरे दिन बुधवार को भी बचरा साइडिंग का कामकाज ठप रहा.

एचपीसी की मांग को लेकर बचरा साइडिंग में असंगठित मजदूरों का आंदोलन दूसरे दिन भी जारी

प्रतिनिधि, पिपरवार

हाई पावर कमेटी की अनुशंसा को लागू करने की मांग को लेकर दूसरे दिन बुधवार को भी बचरा साइडिंग का कामकाज ठप रहा. हेम्स कंपनी के असंगठित मजदूर सपरिवार मांगों को लेकर नारेबाजी करते रहे. इस दौरान बचरा साइडिंग के एक नंबर प्लेटफाॅर्म पर कोयला रखने की जगह नहीं होने की वजह से सीएचपी से कोयला लेकर आने वाले हाइवा डंपरों का परिचालन स्वत: बंद हो गया. लगातार दूसरे दिन भी साइडिंग से रैक डिस्पैच नहीं हो सका. दो दिन की हड़ताल से कुल आठ करोड़ का नुकसान सीसीएल और रेवले को हुआ है. मजदूर साइडिंग में जमे हुए हैं. वह अपने घर भी नहीं जा रहे हैं. मजदूरों के खाने के लिए साइडिंग में ही खिचड़ी बनायी जा रही है. इधर, यूसीडब्ल्यूयू के जेबीसीसीआई सदस्य लखनलाल महतो आंदोलित मजदूरों का हौसला बढ़ाने के लिए बचरा साइडिंग पहुंचे. साइडिंग पहुंचते ही मजदूरों ने उनका जोरदार स्वागत किया. इस अवसर पर श्री महतो ने मांगें पूरी होने तक आंदोलन जारी रखने के लिए प्रेरित किया. बाद में प्रबंधन के बुलावे पर लखनलाल महतो की संगम विहार क्लब में जीएम संजीव कुमार के साथ समझौता वार्ता शुरू हुई. इसमें यूनियन के कई नेता और असंगठित मजदूर शामिल हैं. खबर लिखे जाने तक वार्ता जारी थी.

बचरा साइडिंग से नहीं हुई कोयले की ढुलाई :

असंगठित मजदूरों की दो दिनों की बचरा साइडिंग से कोयला डिस्पैच पूरी तरह ठप है. पेलोडर मशीनें साइडिंग में खड़ी है और मजदूर अपनी मांगों को लेकर आंदोलित है. आंदोलन की वजह से बचरा साइडिंग से छह रैक कोयले की ढुलाई नहीं हो सकी. इससे सीसीएल को तीन करोड़ और भारतीय रेल को मालभाड़े के रूप में छह करोड़ का नुकसान हुआ है. कुल आठ करोड़ रुपये का नुकसान बताया जा रहा है.

क्या है मांग :

साइडिंग में काम करने वाले मजदूर हाई पावर कमेटी की अनुशंसाओं को लागू करने की मांग कर रहे हैं. उनकी शिकायत है कि उन्हें न्यूनतम मजदूरी से भी कम वेतन दिया जा रहा है. हेम्स कंपनी उन्हें छह से सात हजार रुपये वेतन दे रही है. जबकि उनसे 30 दिन काम लिया जाता है. इसके अलावा उन्हें वेतन पर्ची नहीं दी जा रही है. उनके खाते से सीएमपीएफ की राशि नहीं काटी जा रही है. मजदूर सलाना बोनस से वंचित हैं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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