संवाददाता, पटना बिहार सरकार ने गया एकीकृत विनिर्माण क्लस्टर(आइएमसी) के लिए एसपीवी (स्पेशल परपज व्हीकल) लॉन्च कर दिया है. यह संस्था क्लस्टर धरातल पर उतारते हुए यहां करीब 16,000 करोड़ के निवेश के लक्ष्य को आकर्षित करने की दिशा में ठोस कदम उठायेगी. साथ ही ये क्लस्टर के प्रबंधन और उसकी आधारभूत संरचना विकास के लिए जवाबदेह होगी. एसपीवी बिहार इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग सिटी गया लिमिटेड (बीआइएमसीजीएल) के नाम से जानी जायेगी. आधिकारिक जानकारी के अनुसार आइएमसी में जमीन आवंटन की प्रक्रिया तीन महीने बाद एक अप्रैल से शुरू हो जायेगी. इस प्रोजेक्ट का इतना आकर्षण है कि अभी से जमीन की मांग आने लगी है. इस प्रोजेक्ट का मास्टर प्लान टाटा कंसल्टेंसी के जरिये बनवाया जा रहा है. बीआइएमसीजीएल का बोर्ड ऑफ डायरेक्टर का गठन किया गया है. इसके सीइओ और एमडी बियाडा एमडी कुंदन कुमार को बनाया गया है. उनके साथ इस संस्था में छह बोर्ड ऑफ डायरेक्टर मनोनीत किये गये हैं. इसमें तीन डाइरेक्टर बिहार सरकार और तीन डायरेक्टर भारत सरकार के हैं.इस तरह आइएमसी के संचालन की कवायद एसपीवी के जरिये शुरू कर दी गयी है. आधिकारिक जानकारी के अनुसार इस प्रोजेक्ट के जरिये राज्य भर के करीब एक लाख नौ हजार से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर रोजगार हासिल होगा. आइएमसी गया प्रोजेक्ट को 2024-2025 के बजट और उस समय कैबिनेट ने अप्रूव किया था. इसके लिए बियाडा और एनआइसीडीसी (नेशनल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन) के बीच शेयर होल्डर एग्रीमेंट और स्टेट सपोर्ट एग्रीमेंट हाल ही में 12 नवंबर को किया जा चुका है. आइएमसी का स्वरूप इंडस्ट्रियल टाउनशिप का होगा. इसमें औद्योगिक यूनिट के अलावा आवासीय,व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स, चिकित्सालय, स्कूल और अन्य सुविधाएं शामिल हैं. इस संदर्भ में भारत की कुछ एक इंडस्ट्रियल टाउनशिप की अध्ययन यात्रा भी बियाडा के अधिकारियों ने की है. इसमें महाराष्ट्र के औरंगाबाद की इंडस्ट्रियल सिटी कही जाने वाली ऑरिक सिटी शामिल है. प्रोजेक्ट में बनेगा 29.89 किमी की आंतरिक सड़क नेटवर्क. अत्याधुनिक पावर सबस्टेशन. अत्याधुनिक जलापूर्ति और सीवेज ट्रीटमेंट सिस्टम. स्किल डेवलपमेंट सेंटर.
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