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Aurangabad: रात के अंधेरे में होता है मरीजों का इलाज, मॉडल हॉस्पिटल कहे जाने वाले अस्पताल का हाल बेहाल

Aurangabad: औरंगाबाद का मॉडल हॉस्पिटल कहा जाने वाला सदर अस्पताल अपनी बेबसी पर रो रहा है. यहां बिजली चली जाने पर डॉक्टर मोबाइल की रोशनी में इलाज करने के लिए मजबूर हैं.

Aurangabad: औरंगाबाद जिले का मॉडल अस्पताल कहा जाने वाला सदर अस्पताल एक बार फिर से सुर्खियों में आ गया है. यहां दिन के उजाले में नहीं रात के अंधेरे में टॉर्च की रोशनी में मरीजों का इलाज किया जाता है. यहीं नहीं कई बार तो यहां स्वास्थ्यकर्मियों की भी लापरवाही सामने आ चुकी है. बताते चलें कि सदर अस्पताल को मॉडल अस्पताल का दर्जा प्राप्त है. इस कारण यहां मल्टी स्टोरेज भवन का निर्माण भी कराया गया है. इसके बावजूद भी अस्पताल की व्यवस्था में सुधार होता हुआ नहीं दिखाई दे रहा है.

फाइल फोटो
फाइल फोटो

मोबाइल की रोशनी में इलाज करने के लिए मजबूर हुए डॉक्टर

दरअसल, बुधवार की रात 11 बजे से 11 बजकर 15 मिनट पर ऐसा ही नजारा देखने को मिला. यहां बिजली गुल होने के कारण चिकित्सकों को मोबाइल की रोशनी में मरीजों का इलाज करना पड़ा. काफी देर तक अस्पताल परिसर अंधेरे के आगोश में रहा और वार्ड में भर्ती मरीज परेशान दिखे. इस संबंध में जब गुरुवार को अस्पताल उपाधीक्षक डॉ सुरेंद्र कुमार सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि तकनीकी समस्या के कारण कुछ मिनट तक बिजली गुल हो गई थी. लेकिन तुरंत ही विद्युत आपूर्ति सभी वार्डो एवं इमरजेंसी वार्ड में करा दी गई और पूरे व्यवस्थित तरीके से अस्पताल में आए सभी मरीजों का इलाज किया गया. 

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तेजस्वी जब डिप्टी सीएम थे…RJD जिलाध्यक्ष

राजद जिलाध्यक्ष अमरेंद्र कुशवाहा ने कहा कि सदर अस्पताल में रात के अंधेरे में मरीजों का इलाज होना कोई बड़ी बात नही है. ऐसा मामला पूर्व में भी कई बार हो चुका है, जिसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ता है. बिहार में 24 घंटे बिजली बहाल करने वाली सुशासन बाबू की सरकार में बिजली भी ठीक से नहीं मिल रही. तेजस्वी प्रसाद यादव जब उप-मुख्यमंत्री थे तो वे खुद से अस्पताल का निरीक्षण किया करते थे. सत्ता परिवर्तन होते ही लोग खुद को त्रासदी महसूस कर रहे है. वैसे इसे लेकर जिला प्रशासन द्वारा स्वीकृति भी मिल गयी है. जिला प्रशासन को इसपर ध्यान देना चाहिए ताकि मरीजों को किसी प्रकार की कोई समस्या न हो.

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