World Hindi Day 2025 : विश्व हिंदी दिवस 10 जनवरी को मनाया जाता है, जो हिंदी भाषा के महत्व और इसके वैश्विक प्रसार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से समर्पित है. यह दिन 2006 में भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा घोषित किया गया था. इस अवसर पर हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. विश्व स्तर पर हिंदी को एक सम्मानजनक स्थान दिलाने के लिए यह दिन महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, यहां जानें कुछ सवालों के जबाब:-
1. विश्व हिंदी दिवस कब मनाया जाता है?
विश्व हिंदी दिवस हर साल 10 जनवरी को मनाया जाता है. यह दिन हिंदी भाषा की अहमियत और उसके वैश्विक प्रचार-प्रसार के लिए समर्पित है. 10 जनवरी 2006 को तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इस दिन को पहली बार विश्व हिंदी दिवस के रूप में घोषित किया था.इसका उद्देश्य हिंदी को वैश्विक स्तर पर एक सम्मानजनक स्थान दिलाना है.
2. विश्व हिंदी दिवस की शुरुआत कब हुई थी और क्यों?
विश्व हिंदी दिवस की शुरुआत 10 जनवरी 2006 को भारत सरकार ने की थी. इस दिन को खास तौर पर हिंदी भाषा के प्रचार और प्रसार के उद्देश्य से मनाया जाता है. इसके माध्यम से भारतीय संस्कृति और भाषा की वैश्विक पहचान बनाने का प्रयास किया जाता है. हिंदी, जो दुनिया में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है, का सम्मान बढ़ाने का यह एक महत्वपूर्ण कदम है.
3. विश्व हिंदी दिवस का उद्देश्य क्या है?
विश्व हिंदी दिवस का मुख्य उद्देश्य हिंदी भाषा को वैश्विक मंच पर बढ़ावा देना है. इसे अन्य देशों में भी शिक्षा, साहित्य, और कला के माध्यम से लोकप्रिय बनाने का प्रयास किया जाता है. साथ ही, यह दिन हिंदी बोलने वालों को अपने भाषा के प्रति गर्व और सम्मान महसूस कराता है. इसका उद्देश्य हिंदी को एक अंतरराष्ट्रीय भाषा के रूप में प्रतिष्ठित करना है.
4. विश्व हिंदी दिवस से जुड़ी प्रमुख घटनाएं और कार्यक्रम कौन से हैं?
विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जैसे हिंदी साहित्य सम्मेलन, सेमिनार, और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां. भारत और विदेशों में सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाएं हिंदी के प्रचार के लिए विभिन्न कार्यशालाएं और प्रतियोगिताएं आयोजित करती हैं. इसके अलावा, कई विश्वविद्यालयों और संस्थानों में विशेष हिंदी भाषण और लेखन प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है.
5. हिंदी भाषा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रचारित करने में किसका योगदान रहा है?
हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार में भारत सरकार और हिंदी साहित्यकारों का प्रमुख योगदान रहा है. भारतीय कूटनीति और अंतरराष्ट्रीय संगठनों में हिंदी को एक संवाद भाषा के रूप में मान्यता दिलाने में है.
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