जामताड़ा. मकर संक्रांति पर हर साल आयोजित होने वाला ऐतिहासिक करमदहा मेला इस बार 15 जनवरी से शुरू होने जा रहा है. यह मेला जामताड़ा जिले का धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर बन चुका है, जो 400 साल पुरानी परंपरा को बनाये रखते हुए श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. मेला 30 जनवरी तक चलेगा और इस बार इसका उदघाटन जामताड़ा विधायक और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी करेंगे. करमदहा मेला का आयोजन धार्मिक परंपरा का हिस्सा है, जो 17वीं शताब्दी में घांटी स्टेट के राजाओं ने शुरू किया था. बाबा दुखिया मंदिर के प्रांगण में आयोजित होने वाला यह मेला श्रद्धालुओं को न केवल धार्मिक आस्था का अनुभव कराता है, बल्कि इस क्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहर को भी जीवित रखता है. मकर संक्रांति के दिन, श्रद्धालु इस मेले में पवित्र स्नान करते हैं और बाबा दुखिया के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं. हर साल की तरह इस बार भी मेला क्षेत्र में सैकड़ों दुकानदार अपने दुकानें लगाएंगे, लेकिन बढ़ते व्यापार और दुकानों की संख्या के कारण मेला स्थल में जगह की कमी महसूस हो रही है. कुछ दुकानदारों को जोखिम पूर्ण जगहों पर अपने स्टॉल लगाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. फिर भी स्थानीय व्यवसायों के लिए यह आयोजन एक बड़ा आय स्रोत साबित हो रहा है, जिससे क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है. इस बार के मेले में सैलानियों के लिए मनोरंजन के कई नये साधन होंगे, जिनमें मौत का कुआं, झूला, ब्रेक डांस, सर्कस, तारामाची, नौका झूला, ड्रैगन, अप्पू घर और मीना बाजार आदि शामिल हैं. स्थानीय लोग बताते हैं कि पहले यह क्षेत्र घने जंगलों से घिरा हुआ था, जहां राजाओं द्वारा शिकार और वनभोज आयोजित किए जाते थे. आज यह स्थल धार्मिक और सांस्कृतिक मेलों का प्रमुख केंद्र बन चुका है. करमदहा मेला न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह स्थानीय व्यापारियों के लिए एक शानदार मुनाफे का स्रोत बन चुका है. मेला स्थल के आसपास के इलाके में होटल, खाने-पीने के विकल्प और खरीदारी के लिए कई दुकानें भी उपलब्ध हैं, जिससे सैलानियों को हर तरह की सुविधाएं मिलती है. मेला प्रेमियों को है मकर संक्रांति का इंतजार अब मकर संक्रांति का इंतजार मेला प्रेमियों को है, जब जामताड़ा विधायक और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी मेले का उद्घाटन करेंगे. इसके बाद 15 दिनों तक यह मेला धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन स्थल बना रहेगा. हर साल हजारों श्रद्धालु और सैलानी इस मेले का हिस्सा बनते हैं और यहां की आस्था, संस्कृति और परंपराओं का अनुभव करते हैं. करमदहा मेला, जामताड़ा जिले की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को बनाए रखने और जनजीवन में उमंग और उत्साह का वातावरण पैदा करने का एक महत्वपूर्ण स्रोत है.
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