किशनगंज. प्रखंड क्षेत्र में प्रकृति,प्रेम,कृषि उपज व पूर्वजों को स्मरण करते हुए आदिवासी समुदाय का महान त्योहार सोहराय पर्व गुरुवार को सादगीपूर्ण तरीके से प्रारंभ हुआ.बुधरा पंचायत के पोठिया चौक से सटे मांझी थान के प्रांगण में आदिवासी समुदाय के लोगों ने अपने पूर्वजों को नमन करते हुए पूजा-अर्चना की. आदिवासी समुदाय के लोगों ने गुरुवार को परंपरागत आदिवासी नृत्य व गायन कर 6 दिनों अर्थात मकर संक्रांति तक चलने वाले सोहराय पर्व का शुभारंभ किया.मांडेर मांझी थान के सचिव राजेश किस्कू ने बताया कि सोहराय पर्व के पहले दिन उम गोड थान का पूजा किया गया.दूसरे दिन अपने पूर्वजों का पूजन,तीसरे दिन खूंटवा में गौ पूजा,चौथे दिन अपने समाज में आपसी विवादों को सुलझाने हेतु बैठक का आयोजन,पांचवें दिन समुदाय की महिला व पुरूष मिलकर नदी या झील में मछली पकड़ना तथा छठे दिन अर्थात मकर संक्रांति के दिन अपने परंपरागत हथियारों के साथ शिकार में निकलना व शिकार से लौट केला वृक्ष का पूजा कर निशाना साधने के साथ इस पर्व का समापन किया जाता है.छ: दिनों तक चलने वाले इस पर्व में प्रत्येक दिन अलग-अलग तरह के विधि- विधान अपनाएं जाते है.पर्व के शुभारंभ के दिन से ही आदिवासी समाज के समस्त गांव पारंपरिक नाच-गान में डूब जाता है. इस पारंपरिक त्योहार में कटहलडांगी की टीम अपने साज-सज्जा के साथ पहुंची और अपनी पारंपरिक आदिवासी नृत्य से लोगों का मन मोहा.कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित 20 सूत्री सदस्य सह पूर्व जिला पार्षद संजय उपाध्याय एवं बीएमपी मोहन हांसदा व शिवलाल सोरेन ने कहा,यह पर्व सामाजिक संस्कार के साथ-साथ प्रकृति संरक्षण का संदेश देता है. मांझीथान संथाल समाज की धर्म,संस्कृति और रीति-रिवाज की सुरक्षा कवच है.पर्व के पहले दिन गुरुवार को तीर अंदाजी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमे प्रथम स्थान पर सोमाय हेम्ब्रम व द्वितीय स्थान पर सुनील मुर्मू ने विजय हासिल किया.प्रथम स्थान के विजेता प्रतिभागी को समिति द्वारा नगद 1100 रुपया व द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागी को नगद रुपये देकर पुरुस्कृत किया गया. इस मौके पर मुख्य रूप से सचिव राजेश कुमार किस्कू,सुपल मुर्मू,अमीन मुर्मू,मुंशी सोरेन,विनोद टुडू,राम सोरेन इत्यादि उपस्थित थे.
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