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Rourkela News: राउरकेला-जमुनानाकी पुल पांच साल बाद भी अधूरा, 40 फीसदी काम बाकी

Rourkela News: जमुनानाकी में वर्ष 2019 में कोयल नदी पर ब्रिज का निर्माण शुरू हुआ था. 2021 में इसका काम पूरा होना था.

Rourkela News: बहुप्रतीक्षित जनुमानाकी पुल का निर्माण कार्य पांच साल बाद भी पूरा नहीं हुआ है. वर्ष 2019 में काम शुरू हुआ था और पांच साल बीत चुके हैं. लेकिन अभी भी 40 फीसदी से अधिक काम बाकी है. कबतक काम पूरा होगा, इसका भी किसी के पास जवाब नहीं है. निर्माण कार्य धीमी गति से चल रहा है. आलम यह है कि बारिश होने से पहले काम धीमा चलता है और बारिश के दौरान निर्माण कार्य रोक दिया जाता है. वहीं पुल का काम पूरा नहीं होने से कुआरमुंडा के लोगों में नाराजगी देखी जा रही है. एक तरफ जिले की अन्य परियोजनाएं पूरी हो रही हैं, तो जमुनानाकी ब्रिज का काम पूरा नहीं हो रहा है. इस कारण लोग लाभान्वित नहीं हो पा रहे हैं.

डीएमएफ से जारी हुआ था फंड

पुल का निर्माण कार्य 2019 में शुरू हुआ था. प्रारंभिक चरण में डीएमएफ से लगभग 32 करोड़ रुपये मंजूर किये गये थे. वहीं बाद में चार करोड़ रुपये और मंजूर कर दिये गये. जिससे पुल के निर्माण पर 36 करोड़ रुपये से अधिक खर्च होंगे. निर्माण एजेंसी को दो साल के भीतर यानी 2021 तक पुल का निर्माण करने को कहा गया था. इस बीच सुंदरगढ़ जिले में कुल चार जिलापाल पदभार संभाल चुके हैं, लेकिन राउरकेला-यमुनानाकी पुल का निर्माण कार्य रफ्तार नहीं पकड़ सका है. फिलहाल कहा जा रहा है कि मार्च 2025 तक पूरा कर लिया जायेगा, लेकिन जिस तरह से काम आगे बढ़ रहा है, यह कहना मुश्किल है कि यह 2025 के अंत तक पूरा हो जाएगा या नहीं. मनोज सत्यवान महाजन ने हाल ही में सुंदरगढ़ जिलापाल के रूप में कार्यभार संभाला है. क्षेत्र के लोग निर्माणाधीन राउरकेला-जमुनानाकी पुल को पूरा करने के लिए उठाये जा रहे कदमों पर नजर रख रहे हैं.

2017 में स्थानीय लोगों की मांग पर जिलापाल ने दी थी पुल के निर्माण की मंजूरी

पश्चिमी ओडिशा के विभिन्न भागों में परिवहन के लिए ब्राह्मणी ब्रिज पर दो पुल बनाए गए हैं. इसलिए, 2017 में कुआरमुंडा नागरिक समिति सहित अन्य संगठनों की ओर से परिवहन, स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा के क्षेत्र में जटिल समस्याओं के समाधान के लिए कोयल नदी पर दूसरे पुल के निर्माण की मांग की गई थी. उन्होंने तत्कालीन सुंदरगढ़ जिलापाल वीनित भारद्वाज से मुलाकात कर राउरकेला-जमुनानाकी (लगभग 700 मीटर) कोयल नदी पर एक पुल निर्माण की मांग की. तत्कालीन जिलापाल श्री भारद्वाज ने स्थानीय लोगों की समस्याओं को समझने के बाद हरी झंडी दे दी. उन्होंने कहा कि पुल का निर्माण जिला खनिज फाउंडेशन (डीएमएफ) निधि से किया जायेगा.

कुआरमुंडा से राउरकेला की दूरी 14 किमी कम हो जायेगी

कोयल नदी पर इस पुल के बन जाने से कुआरमुंडा, रांची, रायबोगा, बिरमित्रपुर समेत अन्य क्षेत्रों के लोगों को आवागमन में सुविधा होगी. कुआरमुंडा और राउरकेला के बीच की दूरी 14 किमी कम हो जायेगी. इलाज के लिए आइजीएच, आरजीएच समेत विभिन्न निजी अस्पतालों में जाने वाले मरीजों और उनके परिजनों को यात्रा के कष्ट से मुक्ति मिलेगी. यह पुल स्थानीय क्षेत्र की शिक्षा और आर्थिक विकास में भी बहुत सहायक होगा.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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