धनबाद.
एचएमपीवी वायरस से डरने की जरूरत नहीं है. यह बीमारी जानलेवा नहीं है. उक्त बातें गुरुवार को एसएनएमएमसीएच के प्राचार्य डॉ केके लाल ने अपने कार्यालय में प्रेस कांफ्रेंस कर बतायी. इस दौरान उन्होंने कुछ माह पहले चर्चा में आए इस वायरस के बारे में चर्चा की. बताया कि बीते दिनों रिम्स रांची के डॉ राज कुमार ने वीडियो कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया था. इसमें झारखंड के सभी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य, प्रोफेसर व सिविल सर्जन मौजूद थे. इसमें बताया गया कि यह वायरस कोरोना वायरस जैसा खतरनाक नहीं है. यह कोरोना की तरह नहीं फैलता है. बच्चों व 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के इससे संक्रमित होने की आशंका अधिक होती है. यह वायरस खुले में खांसने व छींकने से फैलता है. ऑर्थो विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ डीपी भूषण ने बताया कि यह बीमारी जानलेवा नहीं है. इससे लोगों को पैनिक होने की जरूरत नहीं है. वार्ता में एडमिशन सेल इंचार्ज डॉ गणेश मौजूद थे. कैसे करें बचाव : डॉ केके लाल ने बताया कि इससे बचाव के लिए सिर्फ इम्यूनिटी सिस्टम को सही रखना है. बच्चों व बुजुर्गों में अक्सर इम्यूनिटी कम रहने की शिकायत रहती है. ऐसे में उन्हें यह बीमारी होने की संभावना ज्यादा है.अस्पताल में है आइसोलेशन की सुविधा
डॉ लाल ने बताया कि कोरोना के वक्त जो सुविधाएं अस्पताल में की गई थीं, वे अभी भी हैं. धनबाद में अभी तक कोई व्यक्ति इससे संक्रमित नहीं मिला है. अगर मिलता है तो यहां जांच शुरू कर दी जायेगी. अस्पताल में बच्चों के वार्ड में भी पर्याप्त बेड मौजूद हैं. यहां पीडिया वार्ड के कुल 60 बेड हैं. ऑक्सीजन के नोडल ऑफिसर डॉ पीयूष ने बताया कि अस्पताल में कुल तीन ऑक्सीजन प्लांट हैं. इनमें से एक चल रहा है. बाकी दो को ठीक करने के लिए अगले हफ्ते टेंडर निकाल दिया जाएगा.कब है जांच की जरूरत
पीडिया विभाग के डॉ अविनाश ने बताया कि यह वायरस नया नहीं पुराना है. यह 1950 से है. यह ठंड की वजह से ज्यादा होता है. बच्चों को अगर लगातार सात दिनों तक सांस लेने में दिक्कत हो, तब उनकी जांच कराने की जरूरत है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है