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न पैसे का जुगाड़ हुआ, न इलाज को जा सका, मौत

जीने की आस लगाये तुरकौलिया थाने के शंकर सरैया मुंशीभार का ललन कुमार (35) गुरुवार को चल बसा. पैसे के अभाव में वह शहर नहीं पहुंच सका.

मोतिहारी.जीने की आस लगाये तुरकौलिया थाने के शंकर सरैया मुंशीभार का ललन कुमार (35) गुरुवार को चल बसा. पैसे के अभाव में वह शहर नहीं पहुंच सका. पत्नी रेखा देवी पांच दिनों तक पैसे की जुगाड़ में लगी रही. कोई आगे नहीं आया. उसका पति साथ छोड़ गया. उसकी मौत के बाद पत्नी रेखा देवी का रो-रो कर बुरा हाल था. उसके दोनों मासूम बच्चे मां से लिपट बिलख-बिलख कर रो रहे हैं. ललन तीन जनवरी को सुबह चार बजे ठंड के कारण बिछावन से उठ कर बाहर निकला. अलाव जला कर तापने लगा. इस दौरान अलाव से उसके कपड़े में आग पकड़ ली. उस वक्त आस-पड़ोस सहित परिवार के सभी सदस्य सो रहे थे. ललन की चींख सुनकर लोग बाहर निकले. उसे बचाने की कोशिश करते, तब तक उसका पूरा शरीर जल चुका था. आनन-फानन में उसे स्थानीय डॉक्टर के पास ले जाया गया. डॉक्टर ने रेफर कर दिया. आर्थिक तंगी के कारण ललन को उसकी पत्नी रेखा इलाज के लिए बड़े शहर में नहीं ले जा सकी. उसे घर लाकर देखभाल करने के साथ पैसे के जुगाड़ में लगी थी, ताकि उसे बड़े शहर में ले जाकर इलाज करवा सके. इस दौरान गुरुवार को सुबह ललन ने दम तोड़ दिया. थानाध्यक्ष सुनील कुमार ने बताया कि शव का पोस्टमार्टम करा परिजनों को सौंप दिया गया है. आवेदन मिलने पर यूडी केस दर्ज किया जायेगा.

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