Bihar Cyber Crime: साइबर ठगों का आतंक इन दिनों बढ़ा हुआ है. किसी को डिजिटल अरेस्ट करके उसके पैसे ट्रांसफर कराए जा रहे हैं तो किसी को किसी लिंक के माध्यम से चूना लगाया जा रहा है. अब साइबर शातिरों ने ठगी का नया तरीका खोज लिया है और खासकर के बिहार के लोग इस जाल में उलझ रहे हैं. साइबर ठगों ने इसे ‘जंप डिपोजिट स्कैम’ नाम दिया है. अगर आप इससे सतर्क नहीं हैं तो हो सकता है कि अगला नंबर आपका हो. मेहनत करके जुटाए हुए आपके पैसे खत्म हो सकते हैं. जान लिजिए साइबर ठगी के इस नये खेल को और सतर्कता बरतिए…
जंप डिपोजिट स्कैम से साइबर ठगी
साइबर ठगों ने जंप डिपोजिट स्कैम से अब लोगों को चूना लगाना शुरू किया है. इस तरीके के स्कैम में साइबर शातिर पहले उस व्यक्ति को टारगेट करता है जिसके बैंक खाते को वो खाली करने के फिराक में है. उसके बैंक अकाउंट में पैसे जमा होने का वो नोटिफिकेशन भेजता है. जैसे ही वह व्यक्ति बैलेंस चेक करने के लिए पासवर्ड डालकर अपना यूपीआइ अकाउंट खोलता है वैसे ही उसका खाता खाली हो जाता है.
पिन और लिंक के बिना ही खाली हो जाता है खाता
हैरान करने वाली बात यह है कि इसमें अपने आइडी का पिन नंबर या लिंक आदि जानकारी को भी साझा नहीं करना पड़ता है. इस तरह की ठगी करने के लिए साइबर शातिर पहले उस आदमी को टारगेट बनाता है और उसके अकाउंट में 500 से 2000 रुपए भेजकर उसे लालच देता है. उसके बाद उसे चूना लगा देता है.
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कैसे लोग बनते हैं शिकार?
पटना में साइबर थाने के एसडीपीओ राघवेंद्र मणि त्रिपाठी भी बताते हैं कि यह स्कैम साइबर शातिरों का बिल्कुल नया तरीका है. क्योंकि पुराने तरीके को पुलिस ने डिकोड कर लिया था इसलिए अब वो जंप डिपोजिट स्कैम से युवाओं को खासकर टारगेट बना रहे हैं. वैसे लोग जो यूपीआइ पिन डालने में कम सावधानी बरतते हैं वो खासकर अधिक टारगेट बनते हैं. करीब आधा दर्जन मामलों में ऐसे ही स्कैम की संभावना दिखी है.
क्या है बचने का तरीका…
- अपने अकाउंट में बिना जानकारी का पैसा क्रेडिट होते ही तुरंत बैलेंस आदि चेक नहीं करें. करीब आधा घंटा के बाद ही अकाउंट चेक करें.
- पहली बार सही पिन कोड नहीं डालें. पहली बार जानबूझकर गलत और दूसरी बार सही पिन डालें
- ऐसी ठगी का शिकार होने पर 1930 नंबर पर कॉल करके शिकायत दर्ज कराएं.