Working Hours Debate: आज की व्यस्त जीवनशैली में लोग अपनी स्वास्थ्य का ध्यान रखना भूलते जा रहे हैं. विशेष रूप से कार्यरत व्यक्तियों के लिए अपने और अपने परिवार का ध्यान रखना कठिन हो जाता है. जो लोग कार्यालयों में कार्यरत हैं, उन्हें कार्य का तनाव तो सहना पड़ता है, साथ ही कई बार समयसीमा के कारण उनके कार्य करने के घंटे भी बढ़ जाते हैं. हम आपको यहां बतानें वाले हैं कि क्या धर्म और शास्त्रों में काम के समय को लेकर कोई नियम हैं, यहां जानें
काम को लेकर क्या शास्त्रों में है कोई नियम
धर्म के आधार पर कार्य करने के समय का कोई निश्चित नियम नहीं है. फिर भी, भारत में कार्य के घंटों को निर्धारित करने के लिए कई विधियां मौजूद हैं.
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अक्सर लोग यह कहते हैं कि उनके पास समय नहीं है या फिर समय की कमी है, और वे यह इच्छा व्यक्त करते हैं कि काश भगवान ने 24 घंटे से अधिक समय दिया होता. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आज के जीवन में सफल और असफल दोनों प्रकार के लोगों के पास केवल 24 घंटे ही होते हैं. एक कर्मचारी को कितने घंटे कार्य करना चाहिए, यह विभिन्न कारकों पर निर्भर करता है, जिनमें कार्य का प्रकार, स्वास्थ्य और कार्य की उत्पादकता जैसे कई पहलू शामिल हैं.