Monitor Blood Sugar on Your Wrist: कनाडा के वाटरलू विश्वविद्यालय के इंजीनियरों ने एक नयी रडार तकनीक पर आधारित वियरेबल डिवाइस विकसित की है, जो मरीज को बिना कोई दर्द पहुंचाए ग्लूकोज के स्तर की सटीक निगरानी कर सकती है. यह तकनीक एक स्मार्टवॉच के आकार में फिट होती है और ब्लड शुगर टेस्ट के लिए उंगली से सुई लगाने की जरूरत को खत्म कर देती है. इस तकनीक को डॉ जॉर्ज शेकर और उनकी टीम ने विकसित किया है, जो इलेक्ट्रिकल और कंप्यूटर इंजीनियरिंग विभाग में सहायक प्रोफेसर हैं.
रडार चिप, मेटा-सरफेस और एआई एल्गोरिदम का कमाल
यह डिवाइस रडार चिप, मेटा-सरफेस और एआई एल्गोरिदम वाले माइक्रोकंट्रोलर से बना है. रडार चिप शरीर के माध्यम से संकेत भेजता और प्राप्त करता है, जबकि मेटा-सरफेस रडार के रिजॉल्यूशन और संवेदनशीलता को बढ़ाता है, जिससे ग्लूकोज की एक्यूरेसी में सुधार होता है. एआई एल्गोरिदम समय के साथ डेटा को प्रॉसेस करता है और एक्यूरेसी को बढ़ाता है.
डायबिटीज पेशेंट्स के लिए बड़ा डेवलपमेंट
इस तकनीक का प्रमुख लाभ यह है कि यह पूरी तरह से नॉन-इनवेसिव है और रक्तप्रवाह के बिना ग्लूकोज लेवल के छोटे बदलावों को पहचान सकती है. यह डायबिटीज से पीड़ित लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण प्रगति है, क्योंकि वर्तमान में उंगली में सुई चुभाने या पैच लगाने की आवश्यकता होती है, जो दर्द और संक्रमण का कारण बन सकते हैं.
टेक्नोलॉजी को पोर्टेबल बनाने पर काम जारी
टीम वर्तमान में इस तकनीक को पोर्टेबल बनाने के लिए बैटरी ऑप्शन पर काम कर रही है और भविष्य में इसे ब्लड प्रेशर जैसी अन्य हेल्थ मीट्रिक को मॉनीटर करने के लिए भी विकसित करने का इरादा रखती है. इस तकनीक का रेमेडियल टेस्ट यानी नैदानिक परीक्षण चल रहा है और इसे जल्द ही बाजार में पेश किया जाएगा.
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