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Narcotics: देश को नशा मुक्त बनाने के उपायों पर गृह मंत्रालय करेगा मंथन

केंद्र सरकार ड्रग्स के मामले में जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है. शनिवार को केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह “ड्रग तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा” पर क्षेत्रीय सम्मेलन में ड्रग्स को लेकर राष्ट्रव्यापी ब्यौरा पेश करेंगे. इस सम्मेलन का आयोजन नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) द्वारा किया जायेगा.

Narcotics: देश में ड्रग तस्करी के कारण राष्ट्रीय सुरक्षा के समक्ष बढ़ रहे खतरे को लेकर सरकार गंभीर है. देश के उत्तर क्षेत्र के 8 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में यह संकट गंभीर है. केंद्र सरकार ड्रग्स के मामले में जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है. शनिवार को केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह “ड्रग तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा” पर क्षेत्रीय सम्मेलन में ड्रग्स को लेकर राष्ट्रव्यापी ब्यौरा पेश करेंगे. इस सम्मेलन का आयोजन नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) द्वारा किया जायेगा.

सम्मेलन में गृह मंत्री, ड्रग नष्ट करने के पखवाड़े का शुभारंभ, एनसीबी के भोपाल जोनल यूनिट के नए कार्यालय परिसर का उद्घाटन और मानस-2 हेल्पलाइन सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में विस्तार की शुरुआत करेंगे. सम्मेलन में राष्ट्रीय नारकोटिक्स हेल्पलाइन मानस पोर्टल से राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स के साथ रीयल-टाइम जानकारी साझा करने,  ड्रग तस्करी के खिलाफ राज्यों की प्रगति और नार्कोटिक्स समन्वय तंत्र के कामकाज की समीक्षा होगी.

साथ ही राज्य फॉरेंसिक साइंस लैब की कार्यक्षमता को मजबूत करने और उनकी क्षमता बढ़ाने, ड्रग तस्करी के खिलाफ प्रयासों को मजबूत करने के लिए निदान डेटाबेस के उपयोग, एनडीपीएस कानून के प्रावधानों के क्रियान्वयन, ड्रग से संबंधित मामलों के शीघ्र निपटारे के लिए विशेष एनडीपीएस अदालतों के गठन पर चर्चा होगी, ताकि ऐसे मामलों की त्वरित सुनवाई हो सके. 


वर्ष 2047 तक देश को नशा मुक्त बनाने का है लक्ष्य

साथ ही ड्रग तस्करी तथा इसके दुरुपयोग से निपटने के लिए सभी एजेंसियों के बीच समन्वय पर मंथन होगा. यह सम्मेलन 11 से 25 जनवरी तक चलेगा, जिसमें 2411 करोड़ मूल्य के 44792 किलोग्राम मादक पदार्थों काे नष्ट किया जायेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने ड्रग तस्करी के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस नीति’ अपनायी है, जिससे ड्रग के खतरे को कम किया जा सके. गृह मंत्रालय संस्थागत ढांचे को मजबूत करने, सभी नार्को एजेंसियों के बीच समन्वय और व्यापक जन जागरूकता अभियान की 3 सूत्रीय रणनीति को अपनाकर वर्ष 2047 तक देश को नशा मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा है. सम्मेलन में 8 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के राज्यपाल, उपराज्यपाल, मुख्यमंत्री और वरिष्ठ अधिकारी, विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों, विभागों और जांच एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे.

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने जीरो टॉलरेंस नीति के तहत नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने 10 राज्यों में नए फील्ड ऑफिस खोलने की योजना बनाई थी. इसके तहत उत्तर प्रदेश के बरेली, पंजाब के फिरोजपुर, हिमाचल प्रदेश के मंडी, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के पोर्ट ब्लेयर, नागालैंड के दीमापुर, मिजोरम के आइजवाल, राजस्थान के श्रीगंगानगर, तमिलनाडु के मदुरै, कर्नाटक के मैंगलोर और महाराष्ट्र के नागपुर में नए फील्ड ऑफिस खोलना था. हाल के दिनों में जांच एजेंसियों की सख्ती के कारण हजारों करोड़ रुपये के ड्रग्स की जब्ती की गयी है. 

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