जयनगर. डीवीसी द्वारा संचालित एक हजार मेगावाट के विद्युत उत्पादन केंद्र केटीपीएस का विस्तारीकरण होगा और 1600 अतिरिक्त मेगावाट विद्युत का उत्पादन होगा. इसे लेकर भूमि पूजन हो चुका है. शिलान्यास भी संभवत: जनवरी में होगा. यह सूचना आम होते ही इलाके की राजनीति गर्म हो गयी है. सांसद, विधायक व पूर्व विधायक के समर्थक सहित विभिन्न राजनीतिक दल के नेता, कार्यकर्ता, विभिन्न समिति और मोर्चा के लोग, विस्थापितों के हक अधिकार व डीवीसी के क्रियाकलाप की चर्चा करने लगे हैं. रोज बैठकें हो रहीं हैं. फेज वन के समय की समिति व मोर्चा मुखर होने लगे हैं. हर कोई अपने आप को विस्थापितों का हितैषी बता रहा है. विस्थापित भी सभी मोर्चा और समिति के कार्यक्रम में शामिल हो रहे हैं. विधायक व पूर्व विधायक पर्दे के पीछे से किसी न किसी मोर्चा या समिति को समर्थन दे रहे हैं. फिलहाल संयुक्त विस्थापित, प्रभावित मजदूर मोर्चा, विस्थापित एवं प्रभावित परिवार, विस्थापित एवं प्रभावित मोर्चा सक्रिय है़ जब से नयी रेल लाइन बिछाने की बात सामने आ रही है तब एक और मोर्चा जमीन बचाओ विस्थापित किसान मोर्चा का गठन हुआ है. विरोध और समर्थन अपनी जगह पर है, मगर यह भी सच है कि विस्तारीकरण कार्य से रोजगार के अवसर सृजित होंगेे. इधर, डीवीसी प्रबंधन को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है, रोज रोज के आंदोलन से प्रबंधन की परेशानी बढ़ गयी है़ विकास हर कोई चाहता है, मगर विस्थापितों को अपने हक व अधिकार की चिंता है. उनकी मानें तो फेज वन के दौरान वे ठगे गए थे, इस बार धोखा नहीं खायेंगे, अपना अधिकार लेकर रहेंगे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है